'Priyadarshan Article'

- 20 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार अगस्त 23, 2022 09:36 PM IST
    ये वे दिन थे जब यूट्यूब जैसी शै ने संगीत को बिल्कुल हमारे मोबाइल का खेल नहीं बना डाला था और एक-एक रिकॉर्ड खोजना और पाना फ़ख्र की बात माना जाता था।
  • Blogs | प्रियदर्शन |शुक्रवार अगस्त 5, 2022 03:20 PM IST
    आतंकवाद ख़तरनाक है, लेकिन राज्य का आतंक उससे ज़्यादा ख़तरनाक है, क्योंकि इसका सीधा असर नागरिकों के जीने की स्वतंत्रता पर पड़ता है. सरकार जब तय कर लेती है कि वह किसी समूह या समुदाय को निशाना बनाएगी, जब वह कानूनी तौर-तरीक़ों की परवाह नहीं करती तो दरअसल वह सबसे पहले देश के साथ अन्याय कर रही होती है, अपने नागरिकों पर अत्याचार कर रही होती है.
  • Blogs | प्रियदर्शन |शुक्रवार जून 3, 2022 09:14 PM IST
    कौन हैं ये गरीब और कहां से इनकी साइकिलें सरकार के पास बिक्री के लिए जमा होती गईं? इस सवाल का जवाब दिल दुखाता है. ये वे लोग हैं जो दो साल पहले अपने प्रधानमंत्री द्वारा आधी रात को अचानक घोषित लॉकडाउन की चपेट में आ गए.
  • Blogs | प्रियदर्शन |गुरुवार मई 26, 2022 09:47 PM IST
    शक्ति को हास्यास्पद बनाना ज़रूरी होता है. सत्ता और शक्ति की क्रूरता के ख़िलाफ़ जब बहुत सारी कार्रवाइयां विफल हो जाती हैं तो शायद हंसी उसका एक जवाब बनती है.
  • Blogs | प्रियदर्शन |शुक्रवार अप्रैल 8, 2022 11:07 AM IST
    गीतांजलि श्री के उपन्यास 'रेत समाधि' का अंग्रेज़ी अनुवाद Tomb of Sand बुकर लांग लिस्ट के लिए चुनी गई 13 कृतियों में शामिल है. अचानक बहुत सारे लोग पूछने लगे कि यह गीतांजलि श्री कौन हैं? बेशक, इस सवाल में भी हिन्दी समाज और साहित्य दोनों की एक विडंबना झांकती है. दोनों को एक-दूसरे के जितने करीब होना चाहिए, उतने वे नहीं हैं.
  • Blogs | प्रियदर्शन |शनिवार मार्च 12, 2022 10:25 PM IST
    क्या वाकई हिंदी की दुनिया को हिंदी लेखक या लेखन की फ़िक्र है? विनोद कुमार शुक्ल जैसे बड़े लेखक का वीडियो आता है तो उनकी बेचारगी- उचित ही- सहानुभूति और आक्रोश पैदा करती है. लेकिन क्या यह बात छुपी हुई है कि हिंदी का लेखक और अनुवादक अंततः एक गरीब प्राणी है जिसे न्यूनतम मज़दूरी तक नहीं मिलती?
  • Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार फ़रवरी 1, 2022 02:41 PM IST
    दरअसल यह बजट भारत को एक कंप्यूटर में बंद करके कुछ बिचौलियों और कुछ उद्योगपतियों के हवाले करने का प्रबंध करता है. भारत जिन खेतों में, जिन कच्चे घरों में, जिन धूल भरे गांवों और क़स्बों में रहता है, उनके बीच यह बजट पहुंचता नज़र नहीं आता.
  • Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार अक्टूबर 26, 2021 10:10 PM IST
    कायदे से सरकारों को अभिभावक की तरह होना चाहिए. अपने बिगड़े हुए बच्चों को फौरन सज़ा देने की जगह रास्ते पर लौटाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए. लेकिन अमूमन सरकारें इतनी मानवीय नहीं होतीं, उनकी व्यवस्थाएं ऐसी आदर्श नहीं होतीं.
  • Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार अक्टूबर 25, 2021 09:48 PM IST
    भारतीय प्रशंसकों ने जो टी शर्ट पहन रखी थी, उस पर भी पेप्सी का विज्ञापन था और पाकिस्तान समर्थकों ने भी जो शर्ट पहन रखी थी उस पर भी पेप्सी बनी हुई थी. यानी मैच भारत जीते या पाकिस्तान- अंततः यह पेप्सी की जीत थी.
  • Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार अक्टूबर 19, 2021 09:36 PM IST
    यही मोड़ है जहां प्रियंका गांधी का फ़ैसला एक संभावना की ओर इशारा भी करता है. महिलाओं ने पहले भी चुनावी राजनीति बदली है और चुनाव-पंडितों को अंगूठा दिखाया है.
और पढ़ें »
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com