World | Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |गुरुवार सितम्बर 23, 2021 09:04 AM IST गाइडलाइन्स में कहा गया है कि अगर प्रस्तावित मानकों का पालन किया गया तो PM 2.5 से दुनियाभर में होने वाली 80 फीसदी मौतों को रोका जा सकता है. WHO ने कहा है कि पार्टिकुलेट मैटर सांस के जरिए सीधे इंसान के फेफड़ों तक पहुंच जाता है और वहां से खून में घुल-मिल जाता है. इससे इंसान की मौत हो जाती है.