India | Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: प्रभात उपाध्याय |शुक्रवार अगस्त 23, 2019 06:57 PM IST देश के आर्थिक हालात को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश के आर्थिक हालात के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही, साथ ही कई घोषणाएं भी की. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की अर्थव्यवस्था से बेहतर है. भारत में मंदी जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. वैश्विक मांग कमजोर रहेगी. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध तथा मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है. आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडा में सबसे ऊपर है, सुधारों की प्रक्रिया जारी है, इसकी रफ्तार थमी नहीं है. उन्होंने कहा कि कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें. छोटे एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के अब तक के सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन के भीतर कर दिया जाएगा. भविष्य के रिफंड मामलों को 60 दिन के भीतर निपटा दिया जाएगा. वहीं, बैंकों ने रेपो दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है. रेपो दर या बाहरी मानक आधारित कर्ज उत्पाद पेश किए. बैंक घर और वाहन के लिए कर्ज सस्ता करेंगे. जबकि 2020 तक खरीदे गए भारत मानक- चार के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे. पढ़ें- वित्त मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें.