'National Food Security Act'

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  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: अंजलि कर्मकार |शुक्रवार दिसम्बर 23, 2022 11:15 PM IST
    National Food Security Act: केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री गोयल ने बताया कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल तीन रुपये प्रति किलो, गेंहू दो रुपये प्रति किलो और मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलो की दर से देती है. सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त में मिलेगा. इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा.
  • India | Reported by: NDTV इंडिया, Translated by: अंजलि कर्मकार |शुक्रवार दिसम्बर 9, 2022 04:27 PM IST
    राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून देश में 10 सितंबर 2013 को यूपीए सरकार के दौरान लागू हुआ था. इसका उद्देश्य लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने के लिए सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित कराना है, ताकि लोगों खाद्य और पोषण सुरक्षा दी जा सके.
  • India | भाषा |शुक्रवार जुलाई 31, 2020 02:54 AM IST
    पासवान ने एक बयान में कहा कि बिहार में एनएफएसए राशन कार्ड के मुद्दे के संदर्भ में लाभार्थियों की गलत पहचान की कुछ रिपोर्टें थीं. लेकिन, केंद्र सरकार स्पष्ट करती है कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों की पहचान कुछ मानदंडों के आधार पर की जाती है और यह जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है. पासवान ने कहा, ‘‘बिहार में एनएफएसए लाभार्थियों के साथ कोई भेदभाव या गलत पहचान नहीं की गई है. मानदंडों के अनुसार लाभार्थियों की पहचान की प्रणाली सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समान है.’’
  • Crime | Written by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: स्वाति सिंह |रविवार जुलाई 5, 2020 02:02 PM IST
    दूसरा गैंग दाखिल हो जाये तो खूनी झड़प और हत्याएं आम बात है. दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने 2 सुपारी किलर को गिरफ्तार किया है, जो 5 लाख रुपये में दक्षिणी दिल्ली के एक बड़े किन्नर गैंग के लीडर पर दूसरे किन्नर की हत्या करने आये थे.
  • India | भाषा |शुक्रवार जुलाई 7, 2017 04:34 PM IST
    पासवान ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत मंत्रालय को हर तीन साल के अंतराल पर सस्ते राशन की कीमत की समीक्षा कर इसमें संशोधन करना होता है.
  • Delhi | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार मई 26, 2017 07:40 AM IST
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने दक्षिण दिल्ली की उन झुग्गी बस्तियों की जांच के लिए एक स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया है जहां लोग आधार कार्ड नहीं होने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अनाज लेने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं. इस मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह फैसला लिया.
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