Literature | Edited by: शिखा शर्मा |सोमवार फ़रवरी 20, 2017 10:17 AM IST लोकप्रिय उर्दू कवि जोगिन्दर पाल की किताब ‘‘नदीद’’ अपने भीतर बहुत सी परतें समेटे हुए है और जो भी इसे पढ़े उसे आंखें बंद कर मन की आंखों को खोल कर पढ़ना चाहिए.‘नदीद’ के बारे में ये राय प्रख्यात फिल्म निदेशक, गीतकार और गजलकार गुलजार साहब का कहना है.