'Munshi Premchand'

- 16 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Written by: वंदना वर्मा |मंगलवार फ़रवरी 27, 2024 04:13 PM IST
    योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त देखनी पड़ी थी. सपा के प्रवीण निषाद ने बीजेपी को हरा दिया. इसके बाद एक बार फिर 2019 में जनता ने बीजेपी की वापसी करते हुए रवि किशन को विजयी बनाया.
  • Career | Written by: अर्चित गुप्ता |मंगलवार अक्टूबर 8, 2019 12:14 PM IST
    हिंदी साहित्य को नई उचाइयों तक पहुंचाने वाले मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि 8 अक्टूबर को मनाई जाती है. साहित्य में प्रेमचंद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. प्रेमचंद को उपन्यास के सम्राट माने जाते हैं. प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. प्रेमचंद की कई कहानियां ग्रामीण भारत पर हैं. उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से किसानों की हालत का वर्णन किया.
  • India | Reported by: अजय सिंह, Edited by: विवेक रस्तोगी |शुक्रवार अगस्त 2, 2019 03:07 PM IST
    अब पूरे साल उन्हें सभी उनके हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार हैं और जो कुछ बना भी है, वह बस यूं ही खड़ा है, बिना किसी काम के.
  • India | Reported by: अजय सिंह, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार अगस्त 1, 2019 07:12 PM IST
    कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती उनके गांव लमही मनाया गया. सरकारी महकमों ने अपनी फ़र्ज़ अदायगी की तो प्राइवेट स्कूल, रंगकर्मी, साहित्यकार और पत्रकारों ने भी अपने कथाकार को याद किया. अब पूरे साल उन्हें सभी उनके अपने हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार है. मुंशी जी की जयंती पर उनके पात्र होरी, माधव, घीसू की गहरी संवेदना से जुड़े कलाकार नाटक के जरिए उन्हें याद कर रहे थे. लमही में हर साल उनका जन्म दिवस मनाया जाता है. सरकारी महकमे फ़र्ज़ अदायगी का टेंट भी लगाते हैं. स्मारक स्थल पर कार्यक्रम होते हैं और गांव में मेले जैसा माहौल रहता है. लेकिन अपने कथाकार के प्रति एक दिन के इस प्यार पर गांव के लोगों के अंदर एक दर्द भी है.
  • India | भाषा |मंगलवार जुलाई 30, 2019 05:53 AM IST
    उत्तरप्रदेश विद्युत निगम ने वाराणसी के बाहरी इलाके में लमही में स्थित महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के पैतृक मकान में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी है. दरअसल, लेखक की 139 वीं जयंती के कुछ दिन पहले पिछले सप्ताह उनके मकान की बिजली आपूर्ति रोके जाने से विवाद पैदा हो गया था. हालांकि, वराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इससे इनकार किया कि महान कथाकार के पैतृक गांव में मकान की बिजली आपूर्ति रोक दी गई थी.
  • Literature | Written by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |सोमवार दिसम्बर 19, 2016 05:49 PM IST
    कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने जिस किराए के घर में कथा संसार रचा, सहेजने की बजाय प्रशासन ने लोगों के लिए 'खतरा' बताकर उसे चंद समय में ढाह दिया और समाज का पहरुआ बनने का ढोंग करने वाले सिर्फ तमाशबीन बने रहे.
  • Literature | Reported by: अनिता शर्मा |मंगलवार दिसम्बर 13, 2016 12:21 PM IST
    माना की प्रेमचंद का साहित्‍य लेखन आज से सालों पहले हुआ, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उनकी रचनाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी की लेखन काल में रही होंगी.
  • Literature | Reported by: अनिता शर्मा |शनिवार अक्टूबर 8, 2016 11:41 AM IST
    उपन्‍यासकार प्रेमचन्द ने कई महान कृतिया दी हैं. जिनमें से एक है 'निर्मला'. निर्मला का का निर्माण काल 1923 ई. और प्रकाशन का समय 1927 ई. है. प्रेमचन्द्र के उन उपन्यासों में निर्मला बहुत आगे माना जाता है जिन्‍होंने साहित्य के मानक स्थापित किए. इस उपन्‍यास में प्रेमचंद ने समाज में औरत के स्त्री और उसकी दशा का चित्रण पेश किया है.
  • Literature | NDTV |शुक्रवार अक्टूबर 7, 2016 09:47 PM IST
    प्रेमचंद की कहानी: पूस की रात कथा सम्राट प्रेमचंद ने हिन्‍दी के खजाने में कई अनमोल रत्‍न जोड़े हैं. प्रेमचंद का लेखन और उनकी रचानाएं जितनी प्रासंगिक उस समय में थीं, जब वह रची गईं, उतनी ही आज भी हैं. प्रेमचंद के उपन्यास और कहानियों में किसानों, मजदूरों और वर्ग में बंटे हुए समाज का मार्मिक चित्रण हैं.
  • India | NDTVKhabar.com टीम |गुरुवार अगस्त 4, 2016 12:08 AM IST
    ऐसा समारोह मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था. महात्माजी के दर्शनों का यह प्रताप था, कि मुझ जैसा मरा आदमी भी चेत उठा. उसके दो ही चार दिन बाद मैंने अपनी बीस साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
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