Blogs | गुरुवार अप्रैल 30, 2015 11:50 AM IST गजेंद्र तो उस पेड़ पर अब नहीं है, मगर कैमरों के लिए अब भी वह पेड़ ज़िंदा है, जिसके नीचे खड़े होकर रिपोर्टर अब भी न्यूज़ रूम के आदेश पर नाटक कर रहे हैं कि यही वह पेड़ है, जिसकी एक टहनी से गजेंद्र लटक गया था। मत भूलिएगा कि हम पीपली लाइव के दौर में जी रहे हैं।