Maharashtra | Reported by: पूजा भारद्वाज |गुरुवार अप्रैल 8, 2021 04:38 AM IST जिन मरीजों को इंजेक्शन की जरूरत नहीं, उनपर इंजेक्शन बर्बाद न करें. ऐसा करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाए. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इसे बनाने वाली 6 प्रमुख कंपनियां हैं, जो हर दिन 50 से 60 हजार इंजेक्शन महाराष्ट्र को उपलब्ध कराती हैं और राज्य में रोजाना इनकी खपत भी इतनी ही है. कंपनियों ने दिसंबर 2020 से इंजेक्शन का उत्पादन बंद कर दिया था.