Blogs | भूमिका जोशी |रविवार जुलाई 24, 2016 08:15 PM IST उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति हर बार देश के लिए एक तमाशा बन जाती है। कभी राजनैतिक दांवपेंच का तो कभी अप्रत्याशित साठगांठ का और ज्यादातर ऐसे किस्से जो शर्म और ग्लानि के साथ याद आते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों से जिस चुनावी गणित का बहीखाता खुला है, वह 2017 के आगामी विधानसभा चुनाव तक शिष्टता और गरिमा का केवल कर्ज़ ही दर्ज़ कर पाएगा।