India | Reported by: भाषा |बुधवार जनवरी 6, 2021 07:37 PM IST यह अनुसंधान पिछले साल मई में अहमदाबाद में किए गए अध्ययन पर आधारित है जिसके तहत अनुसंधान दल ने भारत में पहली बार अपशिष्ट जल में सफलतापूर्वक कोरोना वायरस के होने का पता लगाया था. नवीनतम अध्ययन में अनुसंधान दल ने गत वर्ष सात अगस्त से 30 सितंबर के बीच चार अपशिष्ट जल शोधन इकाइयों से लिए गए 43 नमूनों में सार्स-सीओवी-2 आरएनए (अनुवांशिकी सामग्री) का विश्लेषण किया. अध्ययन के दौरान सप्ताह में दो बार नूमने एकत्र किए जाते थे और यह प्रक्रिया दो महीने तक चली. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक सार्स-सीओवी-2 के तीन जीन पर गौर किया गया और इनमें से दो या सभी की उपस्थिति की सूरत में नमूने को पॉजिटिव माना गया.