World | भाषा |शनिवार अगस्त 5, 2023 03:13 PM IST कनाडाई अध्ययन में देखा गया कि जलवायु परिवर्तन का महत्व और इससे जुड़ी कार्रवाई किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व लक्षणों के साथ कैसे भिन्न होती है, अध्ययन में पाया कि जो व्यक्ति प्रकृति को जितना अधिक महत्व देगा, उतनी ही अधिक संभावना है कि वह जलवायु कार्रवाई में संलग्न होगा. बहुत अधिक जलवायु चिंता करना लोगो के लिए पक्षाघात का कारण बन सकती है, जिससे जलवायु कार्रवाई में बाधा आ सकती है. इस स्थिति में, लोग अपने अंदर भी कई तरह के बदलाव महसूस कर सकते हैं, जैसे कि पैनिक अटैक, अनिद्रा, जुनूनी सोच और भूख में बदलाव का अनुभव कर सकते हैं.