
सायना नेहवाल स्वर्ण पदक जीतने के बाद
खास बातें
- भारत का तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- ग्लास्गो (2014) को पीछे छोड़ा, मैनचेस्टर (2002) से चूके
- सायना को बैडमिंटन सिंगल्स का स्वर्ण, श्रीकांत कितांबी चूके
ऑस्ट्रेलिया में 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के आखिरी 10वें दिन भारत ने 66 पदकों के साथ बहुत ही शानदार अंदाज में अपने शानदार अभियान का समापन किया.यह कुल मिलाकर भारत का खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. करोड़ों हिंदुस्तानी खेलप्रेमियों की नजरें आखिरी दिन इस बात पर लगी थीं कि क्या भारत साल 2014 में ग्लास्गो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ पाएगा या नहीं.
और भारतीय दल ने रविवार सुबह इन उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए ग्लास्गो के 64 पदकों को पीछे छोड़ते हुए इतिहास रच दिया. शुरुआत बैडमिंटन में सायना नेहवाल के पदक के साथ हुई, तो समापन बैडमिंटन में पुरुष डबल्स में रजत के साथ हुआ. लेकिन इसके साथ भारतीयों को थोड़ा यह मलाल जरूर होगा कि वे मैनचेस्टर (साल 2002, 69 पदक) से कुछ ही पीछे रह गए.It's been a Golden year for #India at #GC2018. With a total of 66 medals including 26,we finished at the 3rd spot in the medal tally after #Australia & #England.Take a bow to our athletes who've performed exceptionally well to make fly high at #CWG2018. #RangDeTiranga#SAIpic.twitter.com/Z57DL7uBb0
— SAIMedia (@Media_SAI) April 15, 2018
That's it for India at #CWG2018
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) April 15, 2018
finished with 26, 20 and 20 medals - overall tally of 66 medals which is the third best in their history of #CommonwealthGames after #Delhi 2010 (101 medals) and #Manchester 2002 (69 medals). pic.twitter.com/pEJB3jpEND
बहरहाल कुल मिलाकर भारत ने प्रतियोगिता में 66 पदक जीते इनमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं. और यह भारत का कुल मिलाकर खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.
Medal Tally of #CommonwealthGames2018
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) April 15, 2018
With 26 medal India at 3rd positon in #GC2018pic.twitter.com/Adm5dKSk4d
इससे पहले भारत ने साल 2010 में दिल्ली में हुए खेलों में 101 और साल 2002 में मैनचेस्टर में 69 पदक जीते थे. गोल्ड कोस्ट में भारत का आखिरी पदक बैडमिंटन में पुरुष डबल्स मुकाबलों के फाइनल में हुई हार के साथ रजत पदक के रूप में आया
.@NSaina is the #CommonwealthGames champion for the second time in her career in #GC2018Badminton#GC2018#CommonwealthGames2018#SainaVsSindhupic.twitter.com/hElG3Ej4qe
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) April 15, 2018
बैडमिंटन
सायना नेहवाल ने महिला सिंगल्स में हमवतन और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पी.वी सिंधु को हराकर अंतिम दिन रविवार को महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. सायना ऐसे में राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं. सिंधु को हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा. लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सायना ने सिंधु को 56 मिनट तक चले इस मैच में 21-18, 23-21 से मात देकर राष्ट्रमल खेलों का दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
यह भी पढ़ें: CWG 2018: बैडमिंटन में भारत को 2 पदक, सायना नेहवाल को गोल्ड और पीवी सिंधु को सिल्वर
Goosebumps Alert!!
— IOA - Team India (@ioaindia) April 15, 2018
Power-packed #SundayFinals of the #GC2018Badminton Men's Singles Gold Medal Match & #SrikanthKidambi wins #Silver after losing 2-1 to #LeeCHongWei ! An absolute stunner, the most high spirited game of #GC2018#Congratulations@srikidambi@LeeChongWeipic.twitter.com/5VYX59VFsr
वहीं पुरुष वर्ग में वर्ल्ड नम्बर-1 भारतीय खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत उलटफेर का शिकार हो गए और स्वर्ण पदक से चूक गए. श्रीकांत को मलेशिया के दिग्गज ली चोंग वेई ने एक घंटे पांच मिनट में 19-21, 21-14, 21-14 से मात देकर जीत हासिल की.
यह भी पढ़ें: Commonwealth Games 2018: कुछ ऐसे श्रीकांत किदांबी ने गंवा दिया सिंगल्स का स्वर्ण पदक
वहीं पुरुष डबल्स वर्ग में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी फाइनल में स्वर्ण पदक से चूक गए. हालांकि, इस जोड़ी ने रजत पदक हासिल कर इतिहास रचा है. चिराग और सात्विक की जोड़ी को स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मैच में 38 मिनट के भीतर इंग्लैंड की मार्कस एलिस और क्रिस लेंगरिज की जोड़ी ने सीधे गेमों में 13-21, 16-21 से मात दी.#Langridge and #Ellis take the first game 21-13 from #Satwik and #Chirag n Badminton Men’s Doubles Final #GC2018Badminton#CommonwealthGames2018pic.twitter.com/HJxk1ySJBl
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) April 15, 2018
Veteran #SharathKamal wins bronze in men's singles #GC2018TableTennis beats #SamuelWalker 4-1 in five games #CommonwealthGames2018#GC2018pic.twitter.com/xn3m0hlI9y
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) April 15, 2018
टेबल टेनिस
अचंत शरत कमल ने पुरुषों की एकल वर्ग स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम कर लिया. शरत ने कांस्य पदक के लिए खेले गए इस मैच में इंग्लैंड के सैमुएल वॉकर को मात दी. शरथ ने सैमुएल को 4-1 (11-7, 11-9, 9-11, 11-6, 12-10) से हराकर इस मैच को जीता और आखिरकार कांस्य पदक जीतने में सफल रहे.
MEDALS WON BY #ManikaBatra at #GC2018TableTennis
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) April 15, 2018
April 8: Women's Team
April 13: Women's Doubles
April 14: Women's Singles
April 15: Mixed Doubles#CommonwealthGames2018#GC2018pic.twitter.com/McnlZ57fp0
वहीं मिक्स्ड डबल्स में मनिका बत्रा और साथियान गणाशेखरन ने कांस्य पदक अपने नाम किया. मनिका-साथियान की जोड़ी ने हमवतन शरथ-मौमा को एकतरफा मुकाबले में 3-0 (11-6, 11-2,11-4) से हराकर इन खेलों का पहला कांस्य पदक हासिल किया.
स्कवॉशDefending Champions #DipikaPallikal & #JoshnaChinappa could not quite recreate their winning streak they displayed so far but, nonetheless, a brave fight from the pair to win Silver in their #GC2018Squash Women's Doubles Gold Medal Match! #Kudos@DipikaPallikal@joshnachinappapic.twitter.com/iaPOZWdgAA
— IOA - Team India (@ioaindia) April 15, 2018
दीपिका पल्लिकल कार्तिक और जोशना चित्नप्पा की जोड़ी को अंतिम दिन महिला युगल के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और वे स्वर्ण पदक से चूक गईं. जोशना-दीपिका की जोड़ी को स्वर्ण पदक के मुकाबले में न्यूजीलैंड की जोले किंग और अमांडा लैंडर्स मर्फी की जोड़ी से हार मिली. ऐसे में भारतीय जोड़ी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. जोले और मर्फी की जोड़ी ने 21 मिनट तक चले मैच में दीपिका-जोशना की जोड़ी को 11-9, 11-8 से मात दी और सोना जीता.
VIDEO: खेलों से पहले भारतीय हॉकीकप्तान मनप्रीत सिंह ने एनडीटीवी से खास बात की थी.
कुल मिलाकर भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रचते हुए गोल्ड कोस्ट में एक बार फिर से यह साबित किया कि खेलों की दुनिया में भारतीय ताकत लगातार पढ़ रही. और यह बढ़े हुए स्वर्ण पदकों की संख्या में देखी जा सकती है. लेकिन ये खिलाड़ी थोड़े निराश होंगे कि कुछ ही पदकों से भारत मैनचेस्टर के 69 पदकों से सिर्फ कुछ ही दूर रह गया.