World Boxing Championships: निकहत जरीन, मनीषा, प्रवीण ने क्वार्टर फाइनल में जीत के साथ पदक पक्के किए

नीतू (48 किग्रा) का अभियान क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान की मौजूदा एशियाई चैंपियन अलुआ बाल्किबेकोवा से 2-3 के खंडित फैसले की हार के साथ खत्म हो गया. हरियाणा की 21 साल की दो बार की युवा विश्व चैम्पियन को शुरुआती दो दौर में रक्षात्मक खेल का खामियाजा भुगतना पड़ा.

World Boxing Championships: निकहत जरीन, मनीषा, प्रवीण ने क्वार्टर फाइनल में जीत के साथ पदक पक्के किए

निखत जरीन ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया

खास बातें

  • निकहत जरीन का वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रदर्शन जारी
  • जरीन ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर पदक पक्का किया
  • नीतू को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है
नई दिल्ली:

भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (52 किग्रा), मनीषा (57 किग्रा) और परवीन (63 किग्रा) ने इस्तांबुल में आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप (Women's World Boxing Championship) में शानदार लय जारी रखते हुए सोमवार को अपने-अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में जीत दर्ज करने के साथ पदक पक्के किए. प्रतिष्ठित 'स्ट्रैंड्जा मेमोरियल' टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली निकहत (Nikhat Zareen) ने अपनी शानदार लय को जारी रखते हुए इंग्लैंड की चार्ली-सियान डेविसन को 5-0 से हराया. तेलंगाना की इस 25 साल की मुक्केबाज ने क्वार्टर फाइनल में डेविसन के आक्रामक खेल का जवाब उन्हीं की शैली में दिया. 

भारत की युवा स्टार मुक्केबाज ने इस जीत के बाद कहा, "मेरी आज की प्रतिद्वंद्वी मुझसे लंबी थी, इसलिए मेरी रणनीति उसके दाहिने हाथ को अवरुद्ध करने की थी जो कि उसकी ताकत है. भारत के लिए पहला पदक पक्का करने की खुशी है. उम्मीद है कि मैं स्वर्ण जीत सकती हूं."


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पहले दौर में दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला. हालांकि निकहत ने दूसरे दौर में अपना दबदबा बनाया और प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज के शरीर पर सटीक पंच जड़े. शुरुआती दो दौर में बढ़त कायम करने के बाद निकहत ने तीसरे दौर में रक्षात्मक खेल का सहारा लिया और एकतरफा जीत दर्ज की. पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन का अगला मुकाबला ब्राजील की कैरोलिन डी अल्मेडा से होगा, जिन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता आयरलैंड की कार्ली मैकनैल को सर्वसम्मत निर्णय से हराया था.

चौबीस वर्षीय मनीषा ने अपनी लंबाई का अच्छा इस्तेमाल किया और तीन सटीक पंच लगाए. मनीषा का अगला मुकाबला इटली की इरमा टेस्टा से होगा. परवीन ने अपने मुकाबले में धीमी शुरुआत की लेकिन कोच भास्कर भट्ट और सहयोगी सदस्यों की हौसला अफजाई से उन्होंने आक्रमण करना शुरू किया और आत्मविश्वास हासिल करते हुए यादगार जीत दर्ज की.

हालांकि नीतू (48 किग्रा) का अभियान क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान की मौजूदा एशियाई चैंपियन अलुआ बाल्किबेकोवा से 2-3 के खंडित फैसले की हार के साथ खत्म हो गया. हरियाणा की 21 साल की दो बार की युवा विश्व चैम्पियन को शुरुआती दो दौर में रक्षात्मक खेल का खामियाजा भुगतना पड़ा. वह इस दौरान बाल्किबेकोवा को मुक्के लगाने के लिए संघर्ष कर रही थी. उन्होंने तीसरे दौर में आक्रामक रूख अपनाया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.

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इसके बाद, मनीषा (57 किग्रा), परवीन (63 किग्रा), पूजा रानी (81 किग्रा), अनामिका (50 किग्रा) जैस्मिन (60 किग्रा) और नंदिनी (+81 किग्रा) अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में भाग लेंगी.

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