बांबे हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
मुंबई:
बंबई उच्च न्यायालय ने गो रक्षकों द्वारा मार-पीट की मनगढ़ंत कहानी बनाने वाले आरोपी को गुरुवार को राहत देते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया दो धार्मिक गुटों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला अपराध नहीं दिखाई देता.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए एस ओक और न्यायाधीश अनुजा प्रभुदेसाई की खंड पीठ आरोपी वरुण कश्यप की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई कर रही थी. कश्यप ने याचिका में अपने खिलाफ दायर मामले को समाप्त करने की अपील की थी.
पुलिस के अनुसार कश्यप ने एक मनगढ़ंत कहानी बनाई कि अंधेरी में गो रक्षकों ने उसके साथ मारपीट की क्योंकि उन्हें शक था कि वह गौ कि खाल से बना बैग ले जा रहा था. उसकी यह कहानी सोशल मीडिया में वायरल हो गई, बाद में पुलिस ने जांच में इस कहानी को झूठा पाया.
उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में पुलिस को आगे की जांच करने से रोक दिया और मामले की कार्रवाई स्थगित कर दी.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए एस ओक और न्यायाधीश अनुजा प्रभुदेसाई की खंड पीठ आरोपी वरुण कश्यप की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई कर रही थी. कश्यप ने याचिका में अपने खिलाफ दायर मामले को समाप्त करने की अपील की थी.
पुलिस के अनुसार कश्यप ने एक मनगढ़ंत कहानी बनाई कि अंधेरी में गो रक्षकों ने उसके साथ मारपीट की क्योंकि उन्हें शक था कि वह गौ कि खाल से बना बैग ले जा रहा था. उसकी यह कहानी सोशल मीडिया में वायरल हो गई, बाद में पुलिस ने जांच में इस कहानी को झूठा पाया.
उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में पुलिस को आगे की जांच करने से रोक दिया और मामले की कार्रवाई स्थगित कर दी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं