
मुंबई महानगरपालिका चुनाव में इस बार लाखों लोग मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे (फाइल फोटो)
खास बातें
- आरटीआई के तहत मिली जानकारी में हुआ खुलासा
- विपक्षी दलों ने इस मामले में साजिश की आशंका जताई थी
- एमसीडी चुनाव में इस बार वोटिंग का रिकॉर्ड टूटा था
ऐसी शिकायतें मिली थीं कि मुंबई महानगरपालिका चुनाव में लाखों लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए. जहां विपक्षी दलों को इसमें सियासी साजिश नज़र आ रही है, वहीं महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने कहा कि उसने कोई फेरबदल नहीं किया है. केंद्रीय चुनाव आयोग की सूची को जस का तस रखा है. कई मतदाताओं ने भी इस मुद्दे पर नाराज़गी ज़ाहिर की लेकिन जब मतदाता सूची को लेकर शिकायत दर्ज कराने की बात आई तो सिर्फ 63 लोग अब तक महानगरपालिका चुनाव कार्यालय पहुंचे हैं, यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली है।
मुंबई महानगरपालिका चुनाव के दौरान इस बार वोटिंग का रिकॉर्ड टूटा था, मतदान में लगभग 11 फीसदी का इजाफा हुआ था. 92 लाख मतदाताओं में से 56 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि इस दौरान यह शिकायत भी आई कि 11 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब थे. क्या आम और क्या खास, सभी ने मतदाता सूची में नाम न मिलने की शिकायत की. बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन ने भी कहा था कि उन्होंने पिछले साल वोट दिया था लेकिन इस साल उनका नाम गायब है. वे इसकी शिकायत करेंगे. लेकिन जब महानगरपालिका के चुनावी कार्यालय में शिकायत करने की बात आई तो पहुंचे सिर्फ 63 लोग, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की अर्जी पर मुंबई महानगरपालिका चुनाव आयोग ने उन्हें ये जानकारी दी. गलगली का कहना है "साल 2012 में कुल वोटरों की तादाद 1,02,86,579 थी जबकि 2017 में 91,80,555 साल. 2012 की तुलना में 2017 में 11 लाख 24 हज़ार वोटरों के नाम नदारद थे. राजनीतिक दलों का आरोप है कि 7000 से ज्यादा बूथों में से हर एक में औसतन 100 मतदाताओं के नाम गायब थे. कई राजनीतिक दलों ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग में इसकी शिकायत भी की लेकिन अब शिकायत करने वाले गायब हैं. साफ है कि मुंबई जैसे महानगर में मतदाता अब भी अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं हैं.