MP: मरीज की मौत से गुस्साए कांग्रेस नेताओं के 'दुर्व्यवहार' से दुखी हुए डॉक्टर, नौकरी से दिया इस्तीफा

प्रदेश के पूर्व विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, ‘‘मेरे क्षेत्र के एक गरीब व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल भर्ती कराया गया था. सुबह डॉक्टर उसे निजी अस्पताल में ले जाने के लिये कह रहा था."

MP: मरीज की मौत से गुस्साए कांग्रेस नेताओं के 'दुर्व्यवहार' से दुखी हुए डॉक्टर, नौकरी से दिया इस्तीफा

वीडियो के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया ट्वीट

भोपाल:

भोपाल के एक सरकारी अस्पताल में एक मरीज की मौत होने पर कांग्रेस के विधायक एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (Congress MLA PC Sharma) और उनके समर्थक पूर्व पार्षद द्वारा वरिष्ठ चिकित्सक से दुर्व्यवहार की घटना पर दुखी होकर चिकित्सक ने शासकीय नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने अपील की है कि सभी लोग सभ्य और जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें तथा डॉक्टर का मनोबल गिराने की जगह उनका मनोबल बढ़ायें.

भोपाल के शासकीय जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ राकेश श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया, ‘‘एक मरीज की मौत के बाद कुछ नेताओं ने वरिष्ठ डॉक्टर योगेन्द्र श्रीवास्तव से दुर्व्यवहार किया जिससे व्यथित होकर डॉक्टर ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है.''

उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह एक मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल के ट्रामा वार्ड में भर्ती किया गया था. डॉ योगेन्द्र श्रीवास्तव ने भर्ती होने के समय ही मरीज के परिजन को मरीज की गंभीर हालत के बारे में बता दिया था. उपचार के दौरान दोपहर में मरीज की मौत होने के बाद कुछ नेताओं ने डॉक्टर के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया. इस घटना से दुखी होकर डॉक्टर योगेन्द्र ने अपना इस्तीफा सौंप दिया.

घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें कांग्रेस के विधायक पीसी शर्मा एवं उनके समर्थक पूर्व पार्षद योगेन्द्र चौहान डॉक्टर श्रीवास्तव से बात कर रहे हैं. वीडियो में विधायक शर्मा, डॉक्टर से सामान्य तौर पर जबकि चौहान तेज आवाज में बात करते दिखाई पड़ रहे हैं.

इस वीडियो के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में कहा, ‘‘आज की घटना की कारण जेपी अस्पताल में एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अत्यंत व्यथित होकर इस्तीफा तक सौंप दिया है. हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं, इस समय जब साथ मिलकर खड़े होने की जरूरत है, ऐसे में हंगामा करना न तो जनहित में है और न ही इससे कोविड-19 का मुकाबला किया जा सकता है.''

इस मामले में प्रदेश के पूर्व विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, ‘‘मेरे क्षेत्र के एक गरीब व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल भर्ती कराया गया था. सुबह डॉक्टर उसे निजी अस्पताल में ले जाने के लिये कह रहा था. मरीज के परिजन और मेरे काफी प्रयास के बावजूद डॉक्टर मुझसे फोन पर बात नहीं कर रहे थे. अंतत: दोपहर को जब मैं वहां गया तो मरीज की मौत हो चुकी थी.''

शर्मा ने सवाल किया कि ऐसी परिस्थितियों में क्या एक संवेदनशील व्यक्ति को गुस्सा नहीं आयेगा. इस स्थिति में मेरे एक समर्थक ने डॉक्टर से तेज आवाज में बात की. जिसके लिये मैंने बाद में डॉक्टर से माफी भी मांग ली.'' उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में एक मरीज से डॉक्टर निजी अस्पताल में जाने के बात कहता है लेकिन कोई इस बारे में बात नहीं कर रहा है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)