- जावड़ेकर ने कहा यह जनमत का सम्मान.
- दिग्विजय बोले राज्यपाल ने किया संविधान का उल्लंघन.
- अन्य राजनीतिक दल भी दे रहे हैं प्रतिक्रिया.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर ट्वीट कर कहा है कि यह कैसे हो सकता है कि अगर एनसीपी (NCP) विधायक शिवसेना (Shivsena) का समर्थन करते हैं तो सही और अगर बीजेपी का समर्थन करतें हैं तो गलत. आज जो हुआ है वह जनमत का सम्मान है. जावडेकर ने ट्वीट में लिखा कि लोगों ने बीजेपी सरकार के लिए जनादेश दिया था और शिवसेना ने जनादेश को धोखा देने का काम किया है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ट्विटर पर लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई. मुझे पूरा भरोसा है दोनों मिलकर राज्य की प्रगति के लिए काम करेंगे. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने लिखा 'अबकी बार - चोरी छिपे शपथ सरकार... (हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों को मुबारक).'
How absurd the argument of Shiv Sena is — If @ShivSena goes with the #NCP it is good and if #NCP MLAs come with @BJP4Maharashtra it is bad. Today what has been honoured is “Peoples' Mandate”@Dev_Fadnavis@AjitPawarSpeaks
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 23, 2019
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने लिखा कि साफ तौर पर राज्यपाल ने संविधान का उल्लंघन किया है. दिग्विजय सिंह ने लिखा कि गोवा, मणिपुर, मेघालय के बाद अब महाराष्ट्र में ऐस किया गया है. उन्होंने लिखा 'महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल महोदय से मेरे कुछ बुनियादी प्रश्न हैं- क्या राज्यपाल जी को NCP द्वारा समर्थन का कोई पत्र मिला है? सामान्य रूप से राज्यपाल जी को NCP के अध्यक्ष जयंत पाटिल का विधायकों के हस्ताक्षरित सहित पत्र मिलने के बाद ही शपथ के लिए आमंत्रित करना चाहिए था.
महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल महोदय से मेरे कुछ बुनियादी प्रश्न हैं
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 23, 2019
१- क्या राज्यपाल जी को NCP द्वारा समर्थन का कोई पत्र मिला है?
२- सामान्य रूप से राज्यपाल जी को NCP के अध्यक्ष जयंत पाटिल का विधायकों के हस्ताक्षरित सहित पत्र मिलने के बाद ही शपथ के लिए आमंत्रित करना चाहिए था।
दिग्विजय ने आगे कहा कि संयोग से माननीय CJI भी महाराष्ट्र के हैं महाराष्ट्र के Advocate General रहे हैं, क्या उनके रहते हुए यदि उनके समक्ष सप्रीम कोर्ट में यह संविधान उल्लंघन का प्रकरण आता है तो क्या वे अपना संविधान की शपथ का धर्म निभाएंगे? मुझे विश्वास है वे निभाएंगे. शिवसेना NCP और कॉंग्रेस को अपनी ताक़त ज़मीन पर दिखा कर सड़कों पर उतरना चाहिये. देखते हैं मुंबई और महाराष्ट्र की जनता किस के साथ है? तीनों पार्टियों के लिये यह अस्तित्व का सवाल है. विशेष कर उद्धव और ठाकरे परिवार के लिये यह प्रतिष्ठा का प्रश्न है.' बता दें कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में शनिवार सुबह हुए बड़े सियासी उलटफेर के बाद सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र की राजनीति पर ही चर्चा की जा रही है.
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