अक्सर हमें लगता है कि हम सबसे अच्छी तरह मिल रहे हैं, ऑफिस या कॉलेज में हमारी इमेज अच्छी बन रही है. लेकिन हमें पता चलता है कि सब हमारी सोच के उलट है. असल में कई बार हम खुद ही इसकी वजह होते हैं. हम अपनी पर्सनेलिटी में जिन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते वही कई बार हमारी पर्सनेलिटी मेकिंग में अहम रोल निभाती हैं...
कपड़ों पर दें ध्यान:
छोटे बच्चों पर जहां गहरे रंग फबते हैं, वहीं 40 से ऊपर की उम्र के लोगों पर सादे और हल्के रंग अच्छे लगते हैं. चमड़े की बेल्ट में बड़ा बकल युवाओं पर खूब फबता है, लेकिन अधेड़ उम्र के लोगों को छोटे बकल की बेल्ट पहनी चाहिए.
शिष्टाचार है जरूरी:
जब भी कुर्सी पर बैठें, तो शिष्टा चारपूर्वक बैठें. शरीर को पटकने और एकदम कूर्सी पर गिरने की आदत छोड़ दें. जब कुर्सी पर बैठे हों, तो ध्यान रखें कि आपके हाथ, आपकी गोद में रखे हों या फिर कुर्सी के हत्थे पर. कुर्सी पर बैठते समय अपने पैरों को परस्पर रखें और अगर एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर बैठते हैं, तो पैरों को हिलाएं मत.
ध्यान रहे:
खुद को ढीला छोड़कर खड़े न हों, कंधों को हमेशा सीधा रखें. कमर पर हाथ रखकर खड़े होने की आदत छोडें दे. चर्चा के दौरान ध्यान केंद्रित रखें. खासकर उस समय, जब आप किसी कार्यक्रम के उद्घोषक हों और लोगों का स्वागत कर रहे हों.
जरा सी चालाकी:
मन की उत्सुकता या बेचैनी को चुतराई से छिपाना सीखें. बेचैनी में बार-बार घड़ी देखना या नाखून चबाना गलत आदत है. सौम्य और हसंमुख लागों से सभी प्रेम करते हैं, इसलिए अपने व्यवहार को सदैव सौम्य और आकर्षक बनाने का प्रयास करें.
गुस्सा कंट्रोल में:
एक बेहतर व्यक्ति वही है, जो रिश्तों में ईमानदारी, शिष्टता और सच्चाई जैसी बातों अहम स्थान दे. अपने गुस्से को नियंत्रण में रखें, क्योंकि गुस्सा आपके गुणों को छिपा देता है और आपकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव ड़ालता है.