Durga Puja 2022: मेटावर्स और दुर्गा पूजा दो ऐसी चीजें हैं जिनका नाम एकसाथ पहले शायद ही कभी किसी ने सुना होगा. असल में पहली बार दुर्गा पूजा के पंडाल (Durga Puja Pandal) को मेटावर्स के माध्यम से देखा जा सकता है जिसे मेटापूजो (Metapujo) कहा जा रहा है. यह मॉडर्न टेक्नोलॉजी इस साल कोलकाता के अलग-अलग दुर्गा पूजा पंडाल में देखी जा सकेगी. लेकिन, क्या आप जानते हैं क्या है मेटावर्स (Metaverse) और किस तरह संभव हो सकेगी मेटापूजो? जानने के लिए पढ़ते रहिए.
क्या है मेटापुजो | What is Metapujo
मेटापूजो शब्द को मेटावर्स और दुर्गापूजा को जोड़कर बनाया गया है. मेटावर्स की बात करें तो यह एक तरह की वर्चुअल रिएलिटी है जिसमें व्यक्ति कंप्यूटर जनरेटेड वातावरण को 3डी में एक्सीपीरियंस कर पाता है. आपने मेले या इवेंट्स में देखा होगा लोग आंखों के आगे एक मशीन सी पहनते हैं और उसके बाद अलग ही दुनिया का अनुभव लेने लगते हैं, कभी कोई जानवरों से भागता हुआ महसूस करता है तो कोई वीडियो गेम में पहुंच जाता है.
बिल्कुल इसी तरह लोग पूजा के पंडाल में दुर्गा दर्शन (Durga Darshan) 3डी प्लेटफॉर्म पर मेटावर्स तकनीक से कर पाएंगे. जो लोग घर में हैं वो भी पंडाल के दर्शन मेटावर्स से कर सकेंगे. इसके अलावा आप पंडाल में घूमने का अनुभव ले सकते हैं और आपको लगेगा जैसे आप पंडाल के अंदर ही हैं.
इस साल जितने भी मुख्य पंडाल हैं वहां मेटावर्स तकनीक का इस्तेमाल होगा. कोलकाता के जिन पंडालों में मेटापूजो होगी उनमें ताला प्रतेय, देशप्रिया पार्क, ह्रितोला सर्बोजनिन और बालीगंगे कल्चरल शामिल हैं. मेटावर्स एक्सपर्ट्स मेटाफॉर्म, XP&DLAND और Spatial पंडालों में मेटावर्स का जिम्मा उठा रहे हैं.
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