खूंटी में ग्रामीण और पुलिस के बीच हुई झड़प (फाइल फोटो)
- आयोग के अनुसार फादर की भी गलती आई सामने
- पिछले सप्ताह लड़कियों के साथ हुआ था गैंगरेप
- पुलिस कर रही है इस मामले में जांच
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रांची:
झारखंड के खूंटी में हुए गैंगरेप को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने बड़ा खुलासा किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार खूंटी की घटना पहले से ही तय थी. ध्यान हो कि पिछले सप्ताह खूंटी में एक गैर सरकारी संगठन की पांच कार्यकर्ताओं के साथ बंदूक की नोक गैंगरेप किया था. खूंटी की घटना सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपनी तीन सदस्यीय टीम खुंटी भेजी थी. दल ने खूंटी का दौरा करने के बाद स्कूल के प्रबंधक फादर अल्फोंसो ऐन्ड के आचरण पर गंभीर सन्देह व्यक्त किया है. प्रबंधक नुक्कड़ नाटक दल की इन पांच सदस्यों के अपहरण की अधिकारियों को जानकारी देने में कथित तौर पर विफल रहे. आयोग ने कहा , कि उसने (प्रबंधक ने) पीड़िताओं से कहा कि वह तथ्यों का किसी के समक्ष खुलासा नहीं करें.
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लिहाजा यह विचार किया गया कि उसने कानूनी आवश्यकताओं के ठीक विपरीत काम किया व अपराध को अंजाम देने में संभवत : आरोपियों के साथ सांठगांठ की. आयोग के दल ने उन सिस्टरों एवं ननों से भी बातचीत की जो कोचांग क्षेत्र में पीड़िताओं के साथ थीं. तथ्य अन्वेषी दल ने राज्य प्रशासन द्वारा उठाये गये कदमों की भी समीक्षा की. बातचीत के आधार पर दल ने घटना में फादर ऐन्ड की भूमिका पर सवाल उठाया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले झारखंड पुलिस ने भी इस मामले फादर की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे.
यह भी पढ़ें: झारखंड के खूंटी में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या, परिवार के 2 सदस्य घायल
पुलिस के अनुसार इस मामले में पादरी अल्फांसो आईंद के शामिल रहने को लेकर पर्याप्त सबूत हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार पादरी को फंसाए जाने के आरोप गलत हैं. गौरतलब है कि इस घटना में पादरी की भूमिका होने का स्थानीय लोग शुरू से विरोध कर रहे हैं. उनके अनुसार इस पूरे मामले में पादरी को जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि सोमवार को झारखंड पुलिस ने स्थानीय लोगों के इन तमाम दावों को गलत बता दिया है.
VIDEO: खूंटी में तीन पुलिसकर्मी अगवा.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस मामले की अभी तक की जांच में जो बात सामने आई उससे यह साफ है कि पादरी इस पूरे मामले में शामिल रहा है. पुलिस के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पीड़ित लड़कियों ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में पादरी को दोषी बताया है. (इनपुट भाषा से)
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लिहाजा यह विचार किया गया कि उसने कानूनी आवश्यकताओं के ठीक विपरीत काम किया व अपराध को अंजाम देने में संभवत : आरोपियों के साथ सांठगांठ की. आयोग के दल ने उन सिस्टरों एवं ननों से भी बातचीत की जो कोचांग क्षेत्र में पीड़िताओं के साथ थीं. तथ्य अन्वेषी दल ने राज्य प्रशासन द्वारा उठाये गये कदमों की भी समीक्षा की. बातचीत के आधार पर दल ने घटना में फादर ऐन्ड की भूमिका पर सवाल उठाया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले झारखंड पुलिस ने भी इस मामले फादर की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे.
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पुलिस के अनुसार इस मामले में पादरी अल्फांसो आईंद के शामिल रहने को लेकर पर्याप्त सबूत हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार पादरी को फंसाए जाने के आरोप गलत हैं. गौरतलब है कि इस घटना में पादरी की भूमिका होने का स्थानीय लोग शुरू से विरोध कर रहे हैं. उनके अनुसार इस पूरे मामले में पादरी को जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि सोमवार को झारखंड पुलिस ने स्थानीय लोगों के इन तमाम दावों को गलत बता दिया है.
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पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस मामले की अभी तक की जांच में जो बात सामने आई उससे यह साफ है कि पादरी इस पूरे मामले में शामिल रहा है. पुलिस के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पीड़ित लड़कियों ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में पादरी को दोषी बताया है. (इनपुट भाषा से)
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