- संसद में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा आयोजित की जा रही है.
- राज्यसभा में मंगलवार को दोपहर एक बजे से वंदे मातरम पर विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा की शुरुआत करेंगे और वंदे मातरम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विचार रखेंगे.
'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में विशेष चर्चा आयोजित की गई है.सोमवार को लोकसभा में हुई विस्तृत चर्चा के बाद, अब मंगलवार को राज्यसभा में भी इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय गीत पर विशेष चर्चा होगी. देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस गीत के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद में खास चर्चा की जा रही है.जानकारी के अनुसार, राज्यसभा में मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 'वंदे मातरम' पर विशेष चर्चा होगी.
कौन-कौन बोलेगा
भाजपा की ओर से चर्चा की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इस दौरान अमित शाह 'वंदे मातरम' की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर अपने विचार रखेंगे. चर्चा का समापन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. वह राष्ट्रीय गीत की 150 वर्ष की यात्रा को रेखांकित करेंगे. इसके अलावा, भाजपा के वरिष्ठ नेता राधामोहन दास अग्रवाल, के लक्ष्मण, घनश्याम तिवारी और सतपाल शर्मा भी अपने-अपने विचार रखेंगे.
बता दें कि लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर खास चर्चा हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर 12 बजे चर्चा की शुरुआत की.उनके बाद कई अन्य नेताओं ने भी इस पर अपनी बात रखी.
मंगलवार को भी लोकसभा में गरमा-गरम बहस होगी. मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधार के मुद्दे पर चर्चा होगी. इस दौरान एसआईआर पर भी चर्चा हो सकती है. विपक्ष चुनाव आयोग द्वारा करवाई जा रही एसआईआर प्रकिया को लेकर सवाल खड़े कर सकता है. इस चर्चा में नेता विपक्ष राहुल गांधी विपक्ष की तरफ से शुरुआत करेंगे.
लोकसभा में क्या हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए वंदे मातरम् पर हो रही चर्चा को गौरव का पल बताया. उन्होंने कहा, "हमने इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक सामूहिक चर्चा का रास्ता चुना है. जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी और त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था. उस वंदे मातरम् को स्मरण करना हम लोगों का सौभाग्य है. यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम इस पल के साक्षी बन रहे हैं."
पीएम मोदी ने कहा, "एक ऐसा कालखंड जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को अपने सामने लेकर आता है. यह चर्चा सदन की प्रतिबद्धता को तो प्रकट करेगी ही, लेकिन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह शिक्षा का कारण बन सकती है अगर हम इसका सदुपयोग करेंगे. आज हम वंदे मातरम की 150 वर्ष की सामूहिक ऊर्जा की अनुभूति कर रहे हैं."
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