विश्व भारती विश्वविद्यालय के शिक्षकों के एक संगठन ने बुधवार को दावा किया कि कुलपति प्रोफेसर विद्युत चक्रवर्ती ने अर्थशास्त्री अमर्त्यसेन के खिलाफ निराधार टिप्पणी की है. इससे पहले चक्रवर्ती ने दावा किया था कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित सेन ने उन्हें फोन कर स्वयं को ‘भारत रत्न' बताया था और शांति निकेतन के नजदीक स्थित उनके आवास के आसपास से रेहड़ीवालों को हटाने के अभियान को रोकने की मांग की थी. विश्व-भारती फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदीप्त भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सेन के साथी शिक्षक ची री ने उनकी ओर से ई-मेल भेजा है जिसमें कहा गया है कि हाल में कुलपति से उनकी इस तरह की कोई बात होने का वाकया उन्हें (सेन को) याद नहीं है.
भट्टाचार्य ने कहा कि कुलपति ने शिक्षकों के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में दावा किया था कि उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया था जिसने अपना परिचय ‘भारत रत्न अमर्त्य सेन के तौर पर दिया था और उनके घर के नजदीक से रेहड़ीवालों को नहीं हटाने का अनुरोध किया था क्योंकि उनकी बेटी इन रेहड़ी वालों से सब्जी खरीदती है. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि कुलपति की टिप्पणी पर उन्होंने सेन को ई-मेल भेजा जिसका जवाब मंगलवार को री ने दिया.