श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जन संपर्क कार्यक्रम के जरिए लोगों से घरेलू स्तर पर एकत्रित किए गए धन से ही किया जाएगा क्योंकि न्यास के पास विदेशों से दान लेने की जरूरी मंजूरी नहीं है. राय ने कहा कि राम मंदिर वास्तव में ‘राष्ट्र मंदिर' का रूप लेगा और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर निर्माण के लिए देशभर में जन संपर्क एवं योगदान अभियान शुरू करने जा रहा है. उन्होंने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए राम मंदिर के प्रस्तावित नए मॉडल की तस्वीरें भी करोड़ों घरों में पहुंचेंगी. उन्होंने कहा,‘‘ रामभक्तों से स्वैछिक दान मंजूर किया जाएगा और इसके लिए 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन उपलब्ध कराए जाएंगे.''
राय ने कहा कि वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बरतने के मकसद से न्यास ने 10 रुपये के चार करोड़ कूपन, 100 रुपये के आठ करोड़ कूपन और 1000 रुपये के 12 लाख कूपन छपवाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण के लिए विदेश से किसी प्रकार का धन नहीं लिया जा सकता क्योंकि इसके लिए न्यास के पास आवश्यक मंजूरी नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मंदिर से लगे भवनों के लिए कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष पर विचार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि धन इकट्ठा करने का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है और न ही मंदिर निर्माण पर होने वाले खर्च का आकलन किया गया है.