"BJP को तब तक हराया नहीं जा सकता, जब तक ...": विपक्ष को प्रशांत किशोर की सलाह

प्रशांत किशोर ने कहा, 'हिंदुत्व की विचारधारा से लड़ने के लिए विचारधाराओं का गठबंधन होना चाहिए. गांधीवादी, अंबेडकरवादी, समाजवादी और कम्युनिस्ट... विचारधारा बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आप विचारधारा के नाम पर अंधविश्वास नहीं कर सकते हैं.'

नई दिल्ली :

दिग्गज चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने आज कहा कि 2024 में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता  (Opposition Unity)'कभी काम नहीं करेगी', क्योंकि यह अस्थिर और वैचारिक रूप से अलग होगी. चुनावी रणनीतिकार ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा के फायदों पर भी सवाल उठाया. साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता दिखावा है और सिर्फ पार्टियों या नेताओं को एक साथ लाने से यह संभव नहीं होगा.

प्रशांत किशोर ने NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘यदि आप भाजपा को चुनौती देना चाहते हैं, तो आपको इसकी ताकत - हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और कल्याणवाद को समझना होगा. यह तीन-स्तरीय स्तंभ है. जो भी बीजेपी को चुनौती देना चाहते हैं उन्हें इन तीन में से दो चीजों को तो बेहतर करना पड़ेगा.‘ 

उन्होंने कहा, 'हिंदुत्व की विचारधारा से लड़ने के लिए विचारधाराओं का गठबंधन होना चाहिए. गांधीवादी, अंबेडकरवादी, समाजवादी और कम्युनिस्ट... विचारधारा बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आप विचारधारा के नाम पर अंधविश्वास नहीं कर सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'मीडिया में आप लोग विपक्षी गठबंधन को दलों या नेताओं के एक साथ आने के रूप में देख रहे हैं. कौन किसके साथ लंच कर रहा है, किसे चाय पर आमंत्रित किया गया है ... मैं इसे विचारधारा के गठन में देखता हूं. जब तक  वैचारिक गठबंधन नहीं होगा, बीजेपी को हराने का कोई तरीका नहीं है.' 

उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा, 'महात्मा गांधी की विचारधारा' है और बिहार 'जन सुराज यात्रा' गांधी की कांग्रेस की विचारधारा को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है.‘ 

चुनावी रणनीतिकार के नाम 2014 से कई जीत दर्ज हैं. प्रशांत किशोर अब 'जन सुराज यात्रा' में बिहार का दौरा कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह केवल राज्य को समझने और एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास है.

राजनीतिक गलियारों में 'पीके' के नाम से पहचाने जाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा, 'यह बिहार के आसपास नियति और विमर्श को बदलने के लिए है. बिहार जाति-ग्रस्त राजनीति और कई गलत कारणों के लिए जाना जाता है. यह समय है जब बिहार को जाना जाता है कि लोग क्या करने में सक्षम हैं.' 

कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की योजना की पेशकश के बाद उनके और गांधी परिवार के बीच मतभेद पर प्रशांत किशोर ने कहा, 'मेरा लक्ष्य कांग्रेस का पुनर्जन्म था. उनका लक्ष्य चुनाव जीतना था. जिस तरह से वे मेरे विचारों को लागू करना चाहते थे, उस पर हम सहमत नहीं थे.'  

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा, 'यह केवल चलने के बारे में नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा की छह महीनों में बहुत प्रशंसा और आलोचना भी हुई है. छह महीने चलने के बाद आपको कुछ अंतर दिखाई देना चाहिए? यह यात्रा एक पार्टी के चुनावी भाग्य को बेहतर बनाने के लिए है. मैं केवल चार जिलों को कवर कर सका हूं. मेरे लिए यात्रा मिशन नहीं बल्कि क्षेत्र को समझने के लिए है.'

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