
15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस है, ऐसे में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर प्रशासन, पुलिस और मंदिर प्रबंधन तैयारी में जुट गया है. बीते शनिवार और रविवार जैसे हालात न हो इसके लिए तैयारी की जा रही है. भीड़ नियंत्रण के लिए और ट्रैफिक जाम न लगे इसके लिए शटल सेवा शुरू की जाएगी, जिसमें लगभग 200 के करीब छोटे-बड़े वाहनों का प्रयोग किया जाएगा.

बीते वीकेंड में सड़कों पर ट्रैफिक जाम था. पहाड़ों से लेकर मैदानों तक सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार थी. जाम ने पर्यटकों के साथ पुलिस की सांसे फुला दी थी. कैंची धाम के स्थापना दिवस भीड़ प्रबंधन और नियंत्रण के पुख्ता दावे करने की बात की जा रही है. जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने मेले को शांति एवं सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराए जाने के लिए विभागीय अधिकारियों को मेले का दायित्व सौपा है. हल्द्वानी, भीमताल, नैनीबैंड, भवाली, नैनीताल और गरमपानी से शटल सेवा चलाई जाएंगी, भवाली से आगे सभी दो पहिया वाहनों प्रतिबंधित रहेंगे. बुजुर्ग,बीमार एवं दिव्यांग के लिए लगाई जाएंगी दो अतिरिक्त शटल सेवा जो उन्हें मंदिर के गेट तक पंहुचाएंगी व लाएंगी. कैंची धाम में नियमित साफ सफाई विभिन्न स्थानों में मोबाइल टॉयलेट रखे जाएंगे. साथ ही सभी पार्किंग स्थलों में शौचालय,पानी, बिजली आदि व्यवस्थाए कि जाएंगी.
कैंची धाम के स्थापना दिवस में पिछले साल के मुताबिक- इस साल भीड़ ज्यादा आने का अनुमान है. भवाली से कैंची धाम 19 किलोमीटर तक श्रद्धालुओं को शटल से भेजा जाएगा. हल्द्वानी, भीमताल, नैनीबैंड, भवाली, नैनीताल और गरमपानी से करीब 200 छोटे बड़े वाहन शटल सेवा में उपयोग में लाए जाएंगे. नैनीताल, भवाली, भीमताल और कैंची धाम तक सड़क मार्ग में कहीं भी फूड वैन, ठेले पूर्ण रूप से बंद रहेंगे. मेले के दौरान हल्द्वानी से भीमताल शटल सेवा में करीब 100 छोटे-बड़े वाहन, भीमताल से कैंची धाम से पुरानी वन विभाग की चौकी 40 वाहन, नैनीताल से सेनिटोरियम तक 50 छोटे बड़े वाहन शटल सेवा में चलेंगे. साथ ही बुजुर्ग दिव्यांग और बीमार व्यक्तियों को शटल सेवा के माध्यम से मंदिर गेट तक पहुंचाने के लिए 2 अतिरिक्त शटल वाहनों की व्यवस्था की गई है.
एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद मीना जानकारी भारी भीड़ के मध्य नजर चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगाई जाएगी. ट्रैफिक पुलिस भी तैनात रहेगी, जो ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर मौजूद रहेंगे. इसके अलावा छह कंपनियां पीएससी भी लगाई जाएगी. सभी आने वाले श्रद्धालुओं को रूट डायवर्ट और पार्किंग की क्या व्यवस्था है. उसके बारे में जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर बताया जाएगा. इसके अलावा पुलिस के जवान जाने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो ट्रैफिक जाम में इसको लेकर वह भी जानकारी देंगे.अब ये देखना होगा कि पिछली बार से प्रशासन क्या सबक लेता है क्योंकि हर दावे किए जाते हैं, लेकिन हर साल उत्तराखंड के पर्यटक स्थल ट्रैफिक जाम की तस्वीर दिखती है.
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