कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन का काम जारी है. उधर, सोशल मीडिया पर सवाल भी उठ रहे हैं कि नेता कोरोना वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे. तो सूत्रों से इससे जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आ गई है. कोराना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को वैक्सीन दी जाएगी. दरअसल, कोरोना वैक्सीन पर मुख्यमंत्रियों की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है. दूसरे फेज में उन सभी को वैक्सीन दी जाएगी, जो भी 50 साल से ऊपर होंगे. ऐसे सभी सांसद और विधायक व मंत्री जो भी 50 साल से ऊपर हैं उन्हें दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी.
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों से कोविड-19 का टीका लगवाने में संकोच नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा था कि टीका लगवाना उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है और प्रतिकूल प्रभाव संबंधी चिंताएं फिलहाल ‘बेबुनियाद और मामूली' लगती हैं. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों टीके सुरक्षित हैं और इन्हें बनाने में बहुत कोशिशें की गई हैं. उन्होंने कहा कि दु:ख की बात है कि स्वास्थ्य कर्मी, विशेष रूप से डॉक्टर और नर्स इसे लगवाने से मना कर रहे हैं.
पॉल ने कहा, ‘‘अगर हम टीका नहीं लगवा रहे हैं हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे. पूरी दुनिया एक टीके के लिए शोर मचा रही है. मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया टीका लगवाएं.'' उन्होंने कहा, ‘‘टीके को लेकर संकोच समाप्त होना चाहिए क्योंकि कोविड-19 टीकाकरण हमें इस महामारी को समाप्त करने की दिशा में ले जा रहा है.''पॉल ने बताया कि उन्होंने खुद कोवैक्सीन का टीका लगवाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हर देश में टीकों को लेकर झिझक की बात सामने आती रही है लेकिन कोविड-19 के मामले में यह संकोच थोड़ा ज्यादा है. भूषण ने कहा कि पोलियो और मीसल्स-रुबेला के टीकों के मामले में भी यह झिझक देखी गई. पॉल ने कहा, ‘‘अच्छा संवाद, तथ्यों को समझना और इसे लगवाना आपकी अपने लिए और समाज के लिए जिम्मेदारी है.''
(इनपुट्स भाषा से भी)
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