संसद के मानसून सत्र के लिए इंडिया गठबंधन में बनाया प्लान.
- मानसून सत्र के लिए विपक्षी दलों ने सात प्रमुख मुद्दों पर एकजुट होकर सरकार को घेरने का निर्णय लिया है.
- पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.
- शनिवार को विपक्षी दलों ने एक ऑनलाइन बैठक की. इस बैठक की इनसाइड स्टोरी जानिए.
Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र के लिए शनिवार को हुई इंडिया गठबंधन की ऑनलाइन बैठक में जो कुछ हुआ, उसका असर आने वाले दिनों में सुर्खियों में दिखेगा. 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने कमर कस ली है. शनिवार को 24 विपक्षी दलों के नेताओं ने चर्चा के बाद मानसून सत्र के लिए 7 अहम मुद्दें तय किए. इन 7 मुद्दों पर विपक्षी दलों सांसद सरकार को घेरेंगे. बैठक के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रेस कॉफ्रेंस में इन 7 मुद्दों की जानकारी दी.
मानसून सत्र में इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
- पहलगाम आतंकी हमला: आतंकियों को अब तक पकड़ा क्यों नहीं गया.
- ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर और ट्रम्प के दावे: ट्रम्प ने 24 बार बोला कि ट्रेड डील के बदले सीजफायर करवाया और पीएम चुप हैं.. इस पर चर्चा के दौरान पीएम को मौजूद रहना चाहिए और जवाब देना चाहिए.
- एसआईआर: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को विपक्ष वोट बंदी बता रहा है. चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया से फर्जी वोटरों को हटाया जाएगा. लेकिन विपक्ष रिवीजन की टाइमिंग, प्रक्रिया और कम समय दिए जाने पर सवाल उठा रहा है.
- विदेश नीति: भारत की विदेश नीति पर भी विपक्ष मानसून सत्र में सरकार को घेरेगी. खास कर चीन, गाजा के मामलों पर.
- दलित, अल्पसंख्यकों, महिलाओं पर अत्याचार: देश के अलग-अलग राज्यों में दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के मामले को भी विपक्ष में संसद में उठाएगा.
- परिसीमन: विपक्ष इस सत्र में परिसीमन के मुद्दे को भी उठाएगा.इसको लेकर दक्षिण के राज्य दबाव बना रहे हैं क्योंकि उनको लगता है कि जनसंख्या नियंत्रण की वजह से उनकी सीटें कम हो जाएगी.
- अहमदाबाद प्लेन हादसाः अहमदाबाद में क्रैश हुए प्लेन में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी. इस विमान के साथ यह दुर्घटना क्यों हुई. किसकी गलती थी. इन मुद्दों पर भी विपक्षी दलें सवाल उठाएंगीं. खासकर हादसे के बाद जो रिपोर्ट आई है उसमें कुछ साफ नहीं है विपक्ष इसको यात्री सुरक्षा से जोड़ कर उठाएगा.
सूत्रों के मुताबिक बैठक की शुरुआत में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने तीन विषयों पर एजेंडा पेश किया.
- पहलगाम आतंकी हमले में हुई सुरक्षा चूक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अचानक सीज फायर और इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर पीएम सरकार की चुप्पी.
- बिहार में चुनाव आयोग द्वारा करवाया जा रहा वोटरलिस्ट रिवीजन (SIR) से मताधिकार पर संकट.
- गाजा से लेकर चीन तक विदेश नीति की नाकामी.
राहुल गांधी ने कहा कि संसद सत्र के दौरान हमें एकजुट होकर प्राथमिकता से सारे मुद्दे उठाने हैं. हमें आपसी तालमेल का ध्यान रखना होगा. ऑपरेशन सिंदूर और सीज फायर को लेकर सरकार बहुत कुछ छुपा रही है.

उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाया कि पहलगाम के आतंकी कहाँ से आए और कहाँ गए? हमारा पूरी व्यवस्था नाकाम साबित हुई. शरद पवार समेत अन्य नेताओं ने भी खुफिया चूक पर चिंता जताई.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि खुफिया तंत्र कि नाकामी के साथ जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जा का मुद्दा उठाया जाना चाहिए. इस पर सहमति बनी कि सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग की जाएगी.
SIR के मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग हमारी बात नहीं सुन रहा. बिहार में चार करोड़ वोटर इससे प्रभावित हो रहे हैं. आधार कार्ड को लेकर चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट की सलाह भी नहीं मान रहा. तेजस्वी ने SIR को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन की मांग की.
रामगोपाल यादव, हेमंत सोरेन जैसे नेताओं ने मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि देश की स्वतंत्र विदेश नीति ख़त्म हो चुकी है. सरकार के फैसलों की जानकारी ट्रंप दे रहे हैं. गाजा से लेकर चीन तक हमारी विदेश नीति नाकाम हो रही है.
आरएसपी ने सीजफायर को लेकर ट्रम्प के दावों पर पीएम के बयान के लिए दबाव बनाने की माँग की. सीपीएम महासचिव एमए बेबी ने संघवाद का मुद्दा उठाया और आरोप लगाए कि ग़ैर बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
इंडिया गठबंधन बैठक के अंदर किसने क्या कहा: सूत्रों के हवाले से
डी राजा ने राहुल के बयान पर जताई आपत्ति
डी राजा ने परोक्ष रूप से राहुल गांधी के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कल केरल में सीपीएम की विचारधारा को लेकर टिप्पणी की थी. राजा ने कहा कि बड़े नेताओं को गठबंधन के सहयोगियों की आलोचना में भी सीमा का ध्यान रखना चाहिए.
उमर अब्दुल्ला ने संसद सत्र में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाने का सुझाव दिया. तय हुआ कि पहलगाम आतंकी हमले से सुरक्षा चूक के साथ जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य का मुद्दा भी उठाया जाएगा.

दीपांकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार के माओवादी विरोधी अभियान और माओवादियों द्वारा संघर्ष विराम की मांग का मुद्दा उठाने की मांग की.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पहलगाम हमला खुफिया चूक थी तो फिर IB प्रमुख को एक्सटेंशन क्यों मिला? पेगासस का इस्तेमाल आतंकियों की जगह विपक्ष के खिलाफ किया जा रहा है. सरकार SIR के ज़रिए NRC लाने की कोशिश कर रही है. E स्क्वायर यानी ED और EC सरकार की कठपुतली बन गए हैं.
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