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दुलारचंद के मर्डर से अनंत की गिरफ्तारी तक, मोकामा हत्याकांड की पूरी टाइमलाइन

दुलारचंद यादव मोकामा-टाल क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता थे. वे पहले आरजेडी से जुड़े थे और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे. हालांकि जिस दिन उनकी मौत हुई उस दिन वो जन सुराज के प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे.

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पटना:

मोकामा विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है. गुरुवार को जन सुराज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता और पूर्व आरजेडी नेता दुलारचंद यादव की हत्या ने बिहार की चुनावी राजनीति को हिला दिया. इस घटना ने न केवल इलाके में तनाव बढ़ाया, बल्कि बाहुबली राजनीति की पुरानी यादें भी ताजा कर दीं. शनिवार की रात पटना पुलिस ने इस मामले में जेडीयू प्रत्याशी और कुख्यात बाहुबली अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आइए जानते हैं इस हाई-प्रोफाइल केस की पूरी टाइमलाइन. घटना की शुरुआत गुरुवार को हुई थी.

  1. दुलारचंद यादव जन सुराज के लिए प्रचार कर रहे थे: दुलारचंद यादव जन सुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष के साथ मोकामा क्षेत्र में प्रचार करने निकले थे. काफिले में कई गाड़ियां थीं और दौरा तारतार बसावनचक इलाके की ओर था.

  2. दोपहर 12:30 बजे – दूसरे गुट से आमना-सामना हुआ: काफिला गांव के बीच पहुंचा तो कथित तौर पर अनंत सिंह समर्थकों से झड़प हो गई. पहले नारेबाज़ी, फिर बहस और स्थिति बिगड़ गई.

  3. लगभग 1:00 बजे हिंसा की हुई शुरुआत: लाठी-डंडे चले, पत्थरबाजी हुई. गवाहों के अनुसार, दुलारचंद को पहले गोली लगी और फिर उन पर हमला हुआ.

  4. 1:10–1:15 बजे – गाड़ी से कुचल दिए गए दुलारचंद यादव: जमीन पर गिरने के बाद एक वाहन ने उन्हें कुचल दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि मौत पसलियों के टूटने और फेफड़े फटने से हुई, जबकि टखने में गोली का निशान भी मिला.

  5. 1:30–4:00 बजे के बीच इलाके में भारी तनाव: ग्रामीणों ने शव उठाने से इनकार किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की. पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में लगभग 3 घंटे लगे.

  6. शाम 4:30 बजे – पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची: गोलियों के खोखे, लाठी-डंडे और वाहन के टायर-निशान बरामद हुए. FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई.

    मोकामा गंगा किनारे बसे टाल का बच्चा बच्चा दुलारचंद के नाम से वाकिफ था. इस इलाके में उनका सिक्का चलता था. 1980 के दशक से दुलारचंद  इलाके के ‘अघोषित राजा बने रहे. यह तस्वीर उन्हीं दिनों की है. दबंगई और ठसक दुलार की चाल में दिखाई देती थी.

    मोकामा गंगा किनारे बसे टाल का बच्चा बच्चा दुलारचंद के नाम से वाकिफ था. इस इलाके में उनका सिक्का चलता था. 

    शनिवार, 1 नवंबर की रात

  7. रात 11:10 बजे – पटना SSP ने की कार्रवाई : पटना SSP कार्तिकेय शर्मा बाढ़ के कारगिल मार्केट पहुंचे. अनंत सिंह को हिरासत में लिया गया.  

  8. रात 1:00–2:00 बजे – गिरफ्तारी की पुष्टि: अनंत सिंह को पटना लाया गया. उनके साथ दो सहयोगी भी गिरफ्तार हुए. कुल 80 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया.

  9. रात 1:30 बजे – प्रेस कॉन्फ्रेंस: SSP ने बताया कि घटना के समय अनंत सिंह मौजूद थे. केस की जांच अब CID को सौंप दी गई है.

    मोकामा में अनंत की एंट्री दुलारचंद से पहले हुई. 1961 में लदमा में जन्मे अनंत की बादशाहत को दुलारचंद खुलेआम ललकारते थे. दो बाहुबलियों के टकराहट से निकली चिंगारी का मोकामा कई बार गवाह बना.

    मोकामा में अनंत की एंट्री दुलारचंद से पहले हुई. 1961 में लदमा में जन्मे अनंत की बादशाहत को दुलारचंद खुलेआम ललकारते थे. 

  10. दुलारचंद हत्याकांड में क्या क्या हुआ है?
    हत्याकांड में नामजद अनंत सिंह समेत दो गिरफ्तार किए गए हैं.
    केस में अभी तक चार एफआईआर और 80 गिरफ्तारियां हुई हैं
    निर्वाचन आयोग चार अधिकारियों को सस्पेंड कर चुका है. 
    पटना ग्रामीण के एसपी विक्रम सिहाग और बाढ़ के तीन अफसरों को तुरंत हटाया गया था. 
    नए अधिकारियों की तैनाती हो चुकी है. आशीष कुमार को बाढ़ का नया एसडीओ बनाया.

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