कुछ निजी बैंकों में नौकरी छोड़ने की उच्च दर पर 'करीबी नजर' : आरबीआई गवर्नर

कुछ प्रमुख बैंकों ने सूचित किया है कि उनके यहां नौकरी छोड़ने की दर 30 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है. इस आंकड़े पर टिप्पणी करते हुए दास ने कहा कि प्रत्येक बैंक को ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए एक प्रमुख दल का गठन करना होगा. 

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(फाइल फोटो)
मुंबई:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर काफी अधिक है और केंद्रीय बैंक इस मुद्दे पर करीबी नजर रखे हुए है. दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड के वार्षिक कार्यक्रम 'बीएफएसआई इनसाइट समिट' में कहा कि रिजर्व बैंक नियामकीय निगरानी के तहत इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है.

कुछ प्रमुख बैंकों ने सूचित किया है कि उनके यहां नौकरी छोड़ने की दर 30 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है. इस आंकड़े पर टिप्पणी करते हुए दास ने कहा कि प्रत्येक बैंक को ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए एक प्रमुख दल का गठन करना होगा. 

उन्होंने यह भी कहा कि नौकरी बदलने के संबंध में युवाओं का नजरिया बदल रहा है और युवा अब इस पहलू पर अलग तरह से सोच रहे हैं. आरबीआई प्रमुख ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति मजबूत बनी हुई है और दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े सभी को चौंका देंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता वैश्विक वृद्धि के लिए सबसे बड़ा जोखिम है, लेकिन भारत संभावित जोखिमों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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