दिल्ली : रोहिणी के वेटलिफ्टर सचिन शर्मा, समाज का भी उठाते हैं बोझ

उत्तर पश्चिमी दिल्ली में लोगों की मदद करने के लिए - एक 33 वर्षीय व्यक्ति, सचिन शर्मा ने संघर्षरत कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस एक COVID देखभाल केंद्र की स्थापना की.

नई दिल्ली:

शानदार कद काठी के मालिक सचिन शर्मा शौक़ और खेल के लिए वज़न उठाते हैं, बॉडी बनाते हैं क्योंकि वेटलिफ्टर हैं और पावर लिफ्टिंग की बहुत सी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहते हैं और नाम कमाते हैं. लेकिन उत्तर पश्चिम दिल्ली के रोहिणी में सचिन इस शौक से ज़्यादा सेवा के लिए पहचान बना चुके हैं. पेशे से बिजनेसमैन सचिन शर्मा ने कोरोना काल मे अपने दूसरे 7 साथियों के साथ मिलकर अपनी सोसाइटी न्यू सरस्वती अपार्टमेंट सेक्टर-9 रोहिणी के 600 लोगों के लिए सोसायटी के भीतर ही एक कोविड केयर सेन्टर बना दिया, जहां ऑक्सीजन से लेकर ज़रूरी दवाओं का पूरा इंतज़ाम है. सचिन शर्मा बताते हैं कि देश और दिल्ली के हालात देखकर उनसे घर में बैठा नहीं गया और उन्होंने अपने ही स्तर पर अपनी सोसायटी के लोगों के लिए कुछ करने की ठानी.

सचिन शर्मा कहते हैं, 'जितना मेरे बस में था, जितना मेरी जेब में था मैंने उस हिसाब से काम करना शुरू किया. सबसे जरूरी चीज यही थी कि लोगों को कोविड केयर सेंटर नहीं मिल रहे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी. पिछले साल भी मैंने सेट-अप किया था और इस बार भी मैंने सेट-अप कर लिया. जल्द से जल्द कुछ ही घंटों के भीतर मैंने इसको सेट अप कर लिया और लोगों को जरूरत भी पड़ी. हमने ऑक्सीजन भी खरीदी, कंसंट्रेटर भी खरीदे, लोगों ने हमको डोनेट भी किए. बस माहौल ऐसा था कि देश डूबता जा रहा था और कुछ करना था. मेरा घर पर बैठने का मन नहीं था.'

कोविड केयर सेंटर से सोसाइटी के लोगों को फायदा हुआ. तो वहीं सचिन और उनके साथियों ने रोज़ाना गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए भी खाने का इंतज़ाम किया. रिक्शा चलाने वाले दिलीप राय बीते 25 साल से रोहिणी के पास रिठाला गांव में रहते हैं. बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले रोजाना 250-300 रुपए कमा लेते थे लेकिन लॉकडाउन में ₹50-60 भी कमाने मुश्किल हो गए. दिलीप भावुक होते हुए बताते हैं कि सचिन शर्मा ना होते तो दो वक्त की रोटी भी उनको और परिवार को मुश्किल हो जाती. दिलीप राय के मुताबिक '3 महीने से सचिन जी खाना बांट रहे हैं. आज भी लॉकडाउन में यहीं से मिल रहा है. गरीबी में बुरा हाल है. सचिन जी ने ही खाना दिया. यही मदद करते हैं. मैं रिक्शा चलाकर परिवार चलाता हूं.'

कोरोना उपचार और भूख के इंतज़ाम के अलावा आज की सबसे बड़ी जरूरत है वैक्सीनेशन. सचिन शर्मा के पास दो कार हैं जिनमें से एक कार उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए लगा दी है. रोहिणी इलाके में किसी को भी वैक्सीनशन के लिए पिक एंड ड्रॉप की सेवा मुफ्त देते हैं. संभव हो तो अपॉइंटमेंट भी दिलवाते हैं. रोहिणी के ही निवासी सत्यनारायण गुप्ता ने सचिन शर्मा की सहायता से न सिर्फ वैक्सीनेशन का अपॉइंटमेंट लिया बल्कि सचिन शर्मा की गाड़ी में बैठकर ही उन्होंने टीका भी लगवाया. सत्यनारायण गुप्ता के मुताबिक 'मेरी पहली वैक्सीन का अपॉइंटमेंट और दूसरी वैक्सीन का अपॉइंटमेंट दोनों सचिन शर्मा जी ने लिया और दोनों बार यही मुझको लेकर आए सेंटर और सेंटर से मेरे घर उन्होंने ही छोड़ा. समाज के लिए बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं, यह बहुत बढ़िया सोशल वर्कर हैं और समाज के लिए गरीब लोगों के लिए खूब खाना बांट रहे हैं.' 

अपने लिए तो सभी सोचते हैं और करते हैं लेकिन जो दूसरों के लिए भी सोचते और करते हैं वही हीरो कहलाते हैं. पावर लिफ्टिंग या वेटलिफ्टिंग सचिन शर्मा का शौक है जिसके तहत जब वह खेल के मैदान में बोझ उठाते हैं तो शायद सिर्फ उनका अपना नाम होता है लेकिन जब वो अपने इसी शौक के तहत थोड़ा आगे बढ़कर पूरे समाज का बोझ उठाते हैं तो समाज का भी काम होता है और जो समाज के भले का काम करता है वही नायक कहलाता है.

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लॉटोलैंड आज का सितारा श्रृंखला में हम आम आदमियों और उनके असाधारण कार्यों के बारे में जानकारी देते हैं. Lottoland सचिन शर्मा के कार्य के लिए एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगा.