2021 का कोरोना वायरस है 'ज्‍यादा घातक', लंग्‍स को 40% ज्‍यादा डैमेज कर रहा, युवा भी हो रहे प्रभावित

मुंबई के बड़े अस्पतालों से जुड़े विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इस बार लंग्स पर 40% ज़्यादा असर है. युवा मरीज़ के लंग्स भी इस बार ज़्यादा रफ़्तार से डैमेज हो रहे हैं

खास बातें

  • सातवें दिन की जगह तीसरे दिन ही हो रहा है लंग्स डैमेज
  • इसलिए रेमडेसिविर और ऑक्‍सीजन की हो रही ज़्यादा खपत
  • इस बार यंग मरीज़ों को भी देना पड़ रहा रेमडेसिविर
मुंंबई:

Covid-19 Pandemic: वर्ष 2021 का कोविड-19 वायरस शक्तिशाली है जो इस बार हमारे लंग्स (फेफड़ों) को 40% ज़्यादा डैमेज कर रहा है. पहले, संक्रमण के वायरस जहां सातवें दिन लंग्स (Lungs Infection)पर असर डालता था लेकिन अब तीसरे दिन से ही यह लंग्‍स को 'प्रभावित' कर रहा है. इस बार बड़ी संख्या में युवाओं को भी रेमडेसिविर और ऑक्‍सीजन की ज़रूरत पड़ रही है जबकि पिछली लहर में ऐसा नहीं था. मुंबई के डॉ सुहास चौधरी कहते हैं कि इस बार का वायरस ज्‍यादा शक्तिशाली है. आयुष अस्पताल के डॉ. चौधरी कहते हैं, कोविड अफ़ेक्टेड पेशेंट के सीटी स्‍कैन को देखें तो ये पूरा वाइट और पैची दिखता है, इसको हम Ground-glass opacity कहते हैं. इस वक़्त जो केसस मिल रहे हैं उसमें Ground-glass opacity या Pneumonitis, ये संक्रमण काफ़ी इक्स्टेन्सिव मात्रा में पाया जा रहा है. इनको काफ़ी एक्सटेंसिव मात्रा में इन्फ़ेक्शन है. CT  स्कोर 25 तक मार्क करते हैं, जितना ज़्यादा स्कोर उतना ज़्यादा सिवीयरिटी.'

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मुंबई के बड़े अस्पतालों से जुड़े विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इस बार लंग्स पर 40% ज़्यादा असर है. युवा मरीज़ के लंग्स भी इस बार ज़्यादा रफ़्तार से डैमेज हो रहे हैं Wockhardt हॉस्पिटल के कन्सल्टंट फ़िज़िशन डॉ. प्रीतम मून ने कहा, 'कोरोना की इस नई वेव में लंग्स का इन्वॉल्व्मेंट पिछली लहर से ज़्यादा है. लगभग 40% ज़्यादा है. पिछले साल जो लंग्स डैमेज का ट्रेंड था, उसमें सातवें दिन से डैमेज शुरू होता था लेकिन इस बार हम देख रहे हैं कि लंग्स डैमेज तीसरे या चौथे दिन ही शुरू हो रहा है.' इन्फ़ेक्शन तेज़ी से फैलने के कारण रेमडेसिविर और ऑक्सिजन की ज़रूरत इस बार मरीज़ों में ज़्यादा लग रही है'' 

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फ़ोर्टिस हीरानंदानी के इमरजेंसी डिपार्टमेंट के हेड, डॉ शकील अहमद भी इसकी पुष्टि करते हैं. उन्‍होंने कहा, 'पहले, बुजुर्ग, डायबिटिक, हार्ट-किड्नी के कंडीशन वाले मरीज़ गंभीर होते थे लेकिन इस बार काफ़ी यंग लोगों को सिवीयर लंग डैमेज हो रहा है. अभी उम्र का कोई क्रायटेरिया नहीं है. कोई भी मरीज़ कभी भी बीमार हो रहा है. यही वजह है कि इस बार रेमडेसिविर-ऑक्‍सीजन की खपत बहुत हो रही है.' विशेषज्ञों के अनुसार, पिछली लहर में एक हफ़्ते में दिखने वाला लंग्स डैमेज इस बार संक्रमण से तीसरे दिन ही दिख रहा है ऐसे में उन लाखों लोगों को ज़्यादा सावधानी बरतनी है जो होम आईसोलेशन में हैं.