ममता बनर्जी की चुनौती, अगर झूठे साबित हों, तो 'कान पकड़कर उठक-बैठक लगाएं' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह सवाल भी उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदान वाले दिन राज्य में प्रचार क्यों कर रहे हैं...

ममता बनर्जी की चुनौती, अगर झूठे साबित हों, तो 'कान पकड़कर उठक-बैठक लगाएं' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह सवाल भी उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदान वाले दिन राज्य में प्रचार क्यों कर रहे हैं...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार करने के लिए उन पर लगाई गई 24 घंटे की पाबंदी के खत्म होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ज़ोरदार हमला बोला. कोलकाता से लगभग 20 किलोमीटर दूर बारासत में जनता के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, "मोदी झूठे हैं... प्रधानमंत्री झूठे हैं..." लेकिन तुरंत ही उन्होंने अपनी भाषा में सुधार करते हुए कहा, "झूठा असंसदीय शब्द है... प्रधानमंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं..."

समाचार एजेंसी ANI ने बताया, ममता बनर्जी ने उनके द्वारा मतुआ समुदाय के लिए कुछ नहीं किए जाने के प्रधानमंत्री के दावे को चुनौती देते हुए कहा, "मैं चुनौती स्वीकार करती हूं... अगर मैंने कुछ नहीं किया है, मैं राजनीति से त्यागपत्र दे दूंगी, और अगर आप कुछ भी किए बिना झूठ फैला रहे हैं, तो आप कान पकड़कर उठक-बैठक लगाएंगे..."

ममता बनर्जी ने यह सवाल भी उठाया कि प्रधानमंत्री मतदान वाले दिन राज्य में प्रचार क्यों कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने राज्य में अभूतपूर्व तरीके से आठ चरणों में चुनाव का कार्यक्रम बनाया है, जिनमें से सिर्फ चार चरण ही खत्म हुए हैं, और पांचवें चरण का मतदान शनिवार, 17 अप्रैल को होना है. एक दिन की पाबंदी के दौरान कोलकाता में अकेले बैठकर धरना देने वाली मुख्यमंत्री ने कहा, "मतदान वाले दिनों पर प्रधानमंत्री के पश्चिम बंगाल आने पर चुनाव आयोग पाबंदी क्यों नहीं लगाता...? मैं मतदान वाले दिनों पर अपनी बैठकें रद्द करने के लिए तैयार हूं..."

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस लम्बे समय से मांग करती आ रही है कि प्रधानमंत्री को मतदान वाले दिनों पर राज्य में प्रचार करने से बचना चाहिए.

दूसरे चरण के मतदान के दौरान, जब नंदीग्राम में वोट डाले जा रहे थे, राज्य में एक अन्य स्थान पर चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि ममता बनर्जी को उनके प्रतिद्वंद्वी BJP के शुभेंदु अधिकारी के हाथों हार का सामना करना पड़ेगा.

तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री का यह बयान दरअसल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. पार्टी का कहना था कि इंटरनेट के दौर में, जब ख़बरें तेज़ी से फैलती हैं, इस तरह के बयान उन क्षेत्रों में मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं, जहां मतदान हो रहा है.

चुनाव आयोग द्वारा प्रचार करने पर लगाई गई 24 घंटे की पाबंदी खत्म होने के बाद ममता बनर्जी ने बारासत में पहली रैली की. उन्हें अल्पसंख्यकों से वोट मांगने वाली टिप्पणी के लिए प्रतिबंधित किया गया था, जो चुनाव आयोग के मुताबिक, 'बेहद भड़काऊ' थी, और उससे कानून एवं व्यवस्था तथा अंततः चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. ममता बनर्जी पर लागू प्रतिबंध सोमवार शाम को शुरू हुआ था.

ममता बनर्जी ने इस पाबंदी के दौरान अभूतपूर्व तरीके से विरोध प्रकट किया. लगभग 11:30 बजे वह कोलकाता के बीचोंबीच गांधी प्रतिमा के पास दिखीं, व्हीलचेयर पर बैठीं ममता घंटो तक पेंटिंग करती रहीं, और कुछ दूरी पर खड़े कुछ सुरक्षाकर्मियों तथा मीडियाकर्मियों के अतिरिक्त उनके आसपास कोई नहीं दिखा.

ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाती आ रही है, और इस पाबंदी के बाद आलोचना के स्वर तेज़ हो गए हैं. वरिष्ठ पार्टी नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्वीट किया, "जब आप हमें हरा नहीं सकते, आप हम पर पाबंदी लगा देते हैं..."

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देखें VIDEO: चुनाव प्रचार पर बैन के खिलाफ ममता बनर्जी का धरना