महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी की बढ़ती नजदीकी और 'कांग्रेस का मुख्यमंत्री' बयान को लेकर हलचल, 10 बड़ी बातें

महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा है कि अगली बार गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा. हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने सफाई भी दी है.

महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी की बढ़ती नजदीकी और 'कांग्रेस का मुख्यमंत्री' बयान को लेकर हलचल, 10 बड़ी बातें

CM उद्धव ठाकरे ने 8 जून को पीएम मोदी से मुलाकात की थी. (फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की 'महा विकास अघाड़ी' सरकार में क्या सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, राज्य में उठीं सियासी खबरों से तो कुछ ऐसा ही जान पड़ता है. शिवसेना और बीजेपी की बढ़ती नजदीकी भी सियासी हलचल पैदा कर रही है. इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा है कि अगली बार गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा. हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने सफाई भी दी है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को कहा कि उनकी टिप्पणी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए थी. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के मुख्यमंत्री से मेरा मतलब था कि कांग्रेस गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होगी.'

  2. कांग्रेस नेता नाना पटोले की इस टिप्पणी के बाद कि उनकी पार्टी अगला विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और शिवसेना को उसके समर्थन की एक एक्सपायरी डेट है, तीन पार्टियों का गठबंधन पहले से ही डैमेज कंट्रोल मोड में नजर आ रहा है. उन्होंने रविवार को कहा था, 'हमने पांच साल के लिए महा विकास अघाड़ी का गठन किया ताकि बीजेपी को रोक सकें. यह गठबंधन स्थायी नहीं है.'

  3. शिवसेना सांसद संजय राउत ने दरार की खबरों के बीच कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और NCP एक साथ हैं. सरकार 5 साल चलेगी. उनके बीच दरार डालने की कोशिश हो सकती है, लेकिन हमारी सरकार चलती रहेगी. सब ठीक चल रहा है.

  4. शिवसेना के स्थापना दिवस के मौके पर CM उद्धव ठाकरे ने इशारों-इशारों में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था, 'अगर हम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे बल्कि राजनीति (चुनाव) में अकेले जाने की बात करेंगे तो लोग हमें चप्पलों से पीटेंगे. वे अकेले चुनाव लड़ने की हमारी पार्टी केंद्रित, महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे.'

  5. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनके बयान से साफ जाहिर हो रहा था कि वह नाना पटोले की अकेले चुनाव लड़ने की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे. शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने 8 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जिसके बाद से उन्होंने बीजेपी पर एक बार भी जुबानी हमला नहीं किया है.

  6. आधिकारिक तौर पर यह कहा गया कि उद्धव ठाकरे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र से मदद पाने के लिए पीएम मोदी से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच अकेले हुई बातचीत से सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी.

  7. पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के दो दिन बाद संजय राउत ने प्रधानमंत्री की तारीफ कर शिवसेना और बीजेपी की एक बार फिर हो रही दोस्ती की ओर इशारा किया. राउत ने कहा था, 'भाजपा ने पिछले सात वर्षों में अपनी सफलता का श्रेय मोदी को दिया है. मौजूदा समय में मोदी आज भी देश और बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं.'

  8. शिवसेना-बीजेपी की दोस्ती की इन खबरों को शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक की एक चिट्ठी ने और बल दे दिया. सरनाइक ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिख बीजेपी से गठबंधन करने की सलाह दे डाली. उन्होंने लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फिर से हाथ मिलाना बेहतर है क्योंकि शिवसैनिकों को लगता है कि यह शिवसेना नेताओं को समस्याओं से बचाएगा.'

  9. प्रताप सरनाइक ने यह भी कहा कि इससे पहले कि देर हो जाए, पूर्व सहयोगियों को फिर से साथ आना चाहिए. खासकर आगामी निगम चुनाव के लिए, जिसमें मुंबई और ठाणे शामिल हैं.

  10. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'प्रताप सरनाइक शिवसेना के नेता और विधायक हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के प्रमुख को एक पत्र लिखा है और मांग की है कि बीजेपी के साथ गठबंधन किया जाए. हम इसके बारे में सोचेंगे अगर उद्धव ठाकरे भी उसी तर्ज पर सोचते हैं.'