डोमिनिका हाईकोर्ट का भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार, अर्जी खारिज

पीएनबी बैंक घोटाले में वांछित 62 वर्षीय मेहुल चोकसी सोमवार को फिर से अदालत के सामने पेश होगा. उस पर डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने का आरोप है.

डोमिनिका हाईकोर्ट का भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार, अर्जी खारिज

फ्लाइट रिस्क के आधार पर मेहुल चोकसी की अर्जी डोमिनिका कोर्ट से खारिज (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मेहुल चोकसी को झटका
  • डोमिनिका कोर्ट ने जमानत देने से किया मना
  • फ्लाइट रिस्क को बताया अर्जी खारिज करने का आधार
नई दिल्ली:

भारत में भगोड़े घोषित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को डोमिनिका की अदालत से राहत नहीं मिली है. डोमिनिका के उच्च न्यायालय ने मेहुल चोकसी को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हाईकोर्ट ने फ्लाइट रिस्क (Flight Risk) की वजह से भगोड़े कारोबारी मेहुल चोेकसी की जमानत अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि मेहुल चोकसी का डोमिनिका से कोई संबंध नहीं है और अदालत ऐसी कोई शर्त नहीं लगा सकती है जो आश्वस्त करे कि वह फरार नहीं होगा. 

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पीएनबी बैंक घोटाले में वांछित 62 वर्षीय मेहुल चोकसी सोमवार को फिर से अदालत के सामने पेश होगा. उस पर डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने का आरोप है. चोकसी ने आरोपों को खारिज किया है और दावा किया है कि उसका किडनैप किया गया था और जबरन लाया गया है.

उल्लेखनीय है कि गत 23 मई को चोकसी एंटीगुआ एवं बारबुडा से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था तथा उसे पड़ोसी देश डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया था. 

वहीं, विदेश मंत्रालय की ओर से कुछ दिन पहले गया था कि भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमिनिका के अधिकारियों की हिरासत में हैं और वहां कुछ कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं. मंत्रालय ने यह भी कहा कि भगोड़ों को वापस लाने के लिए सभी प्रयास जारी रहेंगे. भारत सरकार ब्रिटेन से भगोड़े भारतीय कारोबारियों विजय माल्या तथा नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के प्रयास कर रहा है ताकि उन पर यहां मुकदमे चल सकें.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पिछले महीने ब्रिटेन-भारत की वार्ता में आर्थिक अपराधियों के विषय पर बात हुई थी और ब्रिटिश पक्ष ने कहा था कि उनके देश में अपराध न्याय प्रणाली की प्रकृति की वजह से कुछ कानूनी अड़चनें हैं, लेकिन वे ऐसे लोगों का जल्द से जल्द प्रत्यर्पण कराने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.

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