देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. (फाइल फोटो)
खास बातें
- भारत में तेजी से फैल रहा कोरोनावायरस
- रोज सामने आ रहे एक लाख से ज्यादा केस
- अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा कोरोना का असर
नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामले कमजोर पड़ी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं. जानकर मानते हैं कि कोरोना संकट से निपटने के लिए जिस तरह से कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) और पार्शियल लॉकडाउन (Lockdown) लगाया जा रहा है, उसका असर व्यापार और कारोबार के साथ-साथ सर्विसेज सेक्टर, विशेषकर टूरिज्म और ट्रैवल इंडस्ट्री पर पड़ना शुरू हो गया है. सबसे ज्यादा असर ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े छोटे-लघु उद्योग की इकाइयों पर पड़ रहा है.
छोटे-लघु उद्योग संघ के सेक्रेटरी जनरल अनिल भारद्वाज ने NDTV से कहा, 'इन सेक्टरों पर पिछले साल सबसे ज्यादा असर पड़ा था. कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते अब ये फिर संकट में फंस सकते हैं.'
दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था 2022 के पहले पटरी पर नहीं लौटेंगी, मूडीज ने बताई वजह
उन्होंने आगे कहा, 'साल 2020-21 में जो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे, उन पर फिर सबसे ज्यादा नेगेटिव इम्पैक्ट होगा. नाइट कर्फ्यू जैसे ही आप लगाते हैं तो पार्टीज पर रोक लगती है, बैंक्वेट हॉल्स प्रभावित होते हैं, इवेंट मैनेजर्स प्रभावित होते हैं. ये एक बड़ी इडस्ट्री है. खाने से लेकर लॉजिस्टिक्स सेक्टर, इनके सामने रोजगार का खतरा फिर खड़ा हो सकता है, अगर पूरे देश में नाइट कर्फ्यू लगाया जाता है तो. राहत की बात है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अभी असर नहीं पड़ा है.' साफ है कि कोरोना का साया एक बार फिर अर्थव्यवस्था पर पड़ना शुरू हो गया है.
VIDEO: अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद, झारखंड की नई औद्योगिक नीति का मसौदा पेश