प. बंगाल : फेसबुक पर अपनी ही पार्टी के दो बड़े नेताओं को खरी-खोटी सुनाने के बाद बीजेपी सांसद ने अब मांगी माफी

रविवार को सौमित्र खान और दिलीप घोष अगल-बगल बैठे और हंसी-मजाक करते नजर आए. घोष ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘सौमित्र भावुक व्यक्ति हैं. मेरे मन में उनके लिए कोई द्वेष नहीं है. वह युवा मोर्चा का नेतृत्व करते रहेंगे.’’

प. बंगाल : फेसबुक पर अपनी ही पार्टी के दो बड़े नेताओं को खरी-खोटी सुनाने के बाद बीजेपी सांसद ने अब मांगी माफी

बीजेपी सांसद ने दो नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर नाराजगी दिखाने के बाद अब मांगी माफी

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष सौमित्र खान (Saumitra Khan) ने सोशल मीडिया पर पार्टी नेता सुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष के प्रति नाराजगी जताने के कई दिन बाद रविवार को अपनी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी की पेशकश की और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ और मजबूती से आंदोलन चलाने का संकल्प लिया. विष्णुपुर से सांसद खान ने रविवार को पार्टी की युवा इकाई की बैठक में कहा, ‘‘फेसबुक पर दिया गया बयान मेरी ओर से बड़ी गलती थी. इसलिए मैं माफी की पेशकश करता हूं और आप से माफी चाहता हूं. मुझे सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी.'' गौरतलब है कि रविवार को सौमित्र और घोष अगल-बगल बैठे और हंसी-मजाक करते नजर आए. घोष ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘सौमित्र भावुक व्यक्ति हैं. मेरे मन में उनके लिए कोई द्वेष नहीं है. वह युवा मोर्चा का नेतृत्व करते रहेंगे.''

बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल में  भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य सौमित्र खान ने पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और फेसबुक पर वीडियो डाल कर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला. खान ने दावा किया कि अधिकारी, भाजपा की सभी उपलब्धियों का श्रेय खुद लेने का प्रयास कर रहे हैं.

खान ने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया लेकिन फेसबुक पर उनका वीडियो और बंगाल से भाजपा के कुछ सांसदों को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाने की खबरें एक साथ आईं.  विष्णुपुर से सांसद खान ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं. उन्होंने फेसबुक पर कहा, “व्यक्तिगत कारणों से आज मैं भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई का कार्यभार छोड़ रहा हूं. मैं भाजपा में था, मैं भाजपा में हूं और रहूंगा.”

खान, 2018 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे. उन्होंने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, हालांकि, खान ने अधिकारी को निशाना बनाया और कहा कि “एक नेता लगातार दिल्ली की यात्रा कर रहा है और पार्टी की हर उपलब्धि के लिए खुद श्रेय ले रहा है.” उन्होंने कहा, “राज्य के इस नेता प्रतिपक्ष को आईना देखने की जरूरत है. वह नई दिल्ली के नेताओं को भ्रमित कर रहा है. वह खुद को बंगाल में पार्टी का सबसे बड़ा नेता समझता है.” खान ने दावा किया कि केवल एक या दो जिले के नेता राज्य में पूरा संगठन चला रहे हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की आलोचना करते हुए असंतुष्ट नेता ने कहा, “जो कुछ भी होता है उन्हें उसका आधा ही समझ में आता है. वह पूरा समझ ही नहीं पाते.” विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी साझा करते हुए खान ने कहा, “मेरे लिए अब पद छोड़ने का समय आ गया है. मैंने कभी किसी पद के लिए लालच नहीं किया.”

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अधिकारी ने खान के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं इसे गंभीरता से नहीं लेता. वह मेरा छोटा भाई है. मैं दिल्ली जाऊंगा और उनके आवास पर भोजन करूंगा. मैंने 2011 में कोटुलपुर में सौमित्र खान के लिए प्रचार किया था. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.” नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह फेसबुक के वीडियो को ज्यादा महत्व नहीं देते. यह पूछे जाने पर कि क्या खान के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, अधिकारी ने कहा, “मुझे संगठन के मामलों पर बात नहीं करनी चाहिए. इसका निर्णय प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष करेंगे.” खान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा के पुराने और नए नेताओं के बीच दुश्मनी अब खुलकर सामने आ गई है.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)