ताइवान की फोटो के बाद कांग्रेस ने झारखंड के वीडियो को असम में हुई गोलीबारी बताकर किया इस्तेमाल

असम कांग्रेस (Assam Congress) ने झारखंड में एक मॉक ड्रिल के वीडियो क्लिप का इस्तेमाल किया और इसे असम में संशोधित नागरिकता कानून (Anti CAA) के विरोध में हुई हिंसा में 5 लोगों के मारे जाने की घटना के वीडियो के तौर पर पेश किया.

ताइवान की फोटो के बाद कांग्रेस ने झारखंड के वीडियो को असम में हुई गोलीबारी बताकर किया इस्तेमाल

Assam में 2019 के अंत में और पिछले साल सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे. 

गुवाहाटी:

असम के चुनाव प्रचार में कांग्रेस गलत तस्वीर के बाद एक बार एक वीडियो ने पार्टी की किरकिरी करा दी है. दरअसल, असम कांग्रेस (Assam Congress) ने झारखंड में एक मॉक ड्रिल के वीडियो क्लिप का इस्तेमाल किया और इसे असम में संशोधित नागरिकता कानून (Anti CAA Protest) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान 5 लोगों के मारे जाने की घटना के वीडियो के तौर पर पेश किया.

असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Finance Minister Himanta Biswa Sarma) ने प्रदेश कांग्रेस इकाई को "फेक न्यूज फैक्ट्री" करार दिया है. असम कांग्रेस इकाई ने पिछले गुरुवार को 2.47 मिनट का एक वीडियो जारी साझा किया था. दो मिनट के एक वीडियो में वायसओवर करने वाला व्यक्ति कह रहा था कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 5 लोग मारे गए थे, जबकि वीडियो में कथित तौर भीड़ पर पुलिस की फायरिंग को दिखाय जा रहा है.

दिसंबर 2019 में प्रकाशित फैक्ट चेक (Fact Check) के आर्टिकल के अनुसार, वीडियो झारखंड में पुलिस की मॉक ड्रिल यानी अभ्यास का है, जिसे बहुत सारे ट्विटर यूजर्स ने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग का बताते हुए शेयर किया था. यही वीडियो पहले कश्मीर में पुलिस की फायरिंग का बताते हुए भी इस्तेमाल किया जा चुका है.

हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्विटर पर लिखा, कांग्रेस फेक न्यूज फैक्ट्री बन गई है. कोई भी बता सकता है कि कैसे उन्होंने झारखंड के एक मॉक ड्रिल वीडियो को असम पुलिस की फायरिंग का बताकर इस्तेमाल किया है. हालांकि कांग्रेस ने जवाब देने में देर नहीं लगाई.

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कांग्रेस ने सरमा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया में कहा है कि आप मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन क्या आप इस बात से इनकार करेंगे कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 5 बेकसूर लोगों की जान गई थी. क्या आप इस बात से इनकार करेंगे कि सरकार की उदासीनता के कारण सैकड़ों लोग घायल हुए थे.