बंगाल में 72 घंटे पहले प्रचार थमेगा और रात में नाइट कर्फ्यू के कारण चुनाव प्रचार पर रोक : चुनाव आयोग

बंगाल में मतदान के शेष दौर में 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम जाएगा. इसके साथ ही आयोग ने कहा कि रात में नाइट कर्फ्यू के कारण चुनाव प्रचार में रोक रहेगी. 

बंगाल में 72 घंटे पहले प्रचार थमेगा और रात में नाइट कर्फ्यू के कारण चुनाव प्रचार पर रोक : चुनाव आयोग

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने शुक्रवार को चुनाव अभियान से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है. चुनाव आयोग ने कहा कि बंगाल में मतदान के शेष दौर में 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम जाएगा. इससे पहले 48 घंटे चुनाव प्रचार समाप्त होने की अवधि 48 घंटे थी. इसके साथ ही आयोग ने कहा कि रात में नाइट कर्फ्यू के कारण चुनाव प्रचार में रोक रहेगी. इतना ही नहीं निर्वाचन आयोग ने शाम सात बजे से सुबह दस बजे तक पश्चिम बंगाल में रैलियों, जनसभाओं पर भी प्रतिबंध लगाया. 

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निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार वाले दिनों में शाम सात बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा. मतदान से पहले चुनाव प्रचार समाप्त होने की समय सीमा भी 48 घंटों से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी गई है. राज्य में विधानसभा चुनाव आठ चरणों में होने थे, इनमें से चार चरणों के लिए मतदान संपन्न हो गया है और पांचवें चरण के लिए मतदान कल 17 अप्रैल को है। आयोग द्वारा लगायी गई नयी बंदिशें अंतिम तीन चरणों (22, 26 और 29 अप्रैल) के लिए हैं. मतगणना दो मई को होगी. 

पिछले कई दिनों से देश में कोरोना के के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसी दौरान पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों में भीड़ और बैठकों की तस्वीरें सामने आई, जिसे देखते हुए यह फैसला लिया गया. इन तस्वीरों को लेकर खूब आलोचान भी हुई थी. चुनावी पैनल ने कहा है कि सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को मास्क पहनना चाहिए और मास्क और सैनिटाइज़र सुनिश्चित करने के लिए रैलियों के आयोजकों का कर्तव्य होगा. आयोग के आदेश के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने रोजाना प्रचार खत्म होने का समय घटाकर शाम सात बजे तक कर दिया है. पहले रात 10 बजे तक चुनाव प्रचार किया जा सकता था.

गौरतलब है कि ममता बनर्जी(Mamata Banerjee)  ने बाकी सभी चरणों के चुनाव एक साथ कराने की मांग की थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से कहा था कि बढ़ते कोरोना को देखते हुए बचे चार चरणों के चुनाव एक साथ करा लिए जाएं. बंगाल के चुनाव आयोग ने बाकी बचे चरणों के चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की राय जानी है.

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बंगाल में चौथे चरण के चुनाव में हिंसा भी देखने को मिली थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी. तृणमूल कांग्रेस ने इसको लेकर चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों पर ही आरोप लगाए थे. हालांकि चुनाव आय़ोग (EC) ने पहले स्पष्ट कह दिया है कि बाकी चरणों के विधानसभा चुनाव को एक साथ कराना संभव नहीं है.

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