विज्ञापन
This Article is From Jan 12, 2017

हैदराबाद : 16 साल की दुल्हन को 'यौन कर्तव्यों' का पालन नहीं करने पर दिया गया कानूनी नोटिस

हैदराबाद : 16 साल की दुल्हन को 'यौन कर्तव्यों' का पालन नहीं करने पर दिया गया कानूनी नोटिस
16-वर्षीय लड़की के मुताबिक, पति के घर उसका रोज़ यौन उत्पीड़न किया गया
हैदराबाद: अपने से दोगुनी उम्र के शख्स से जबरन ब्याह दी गई हैदराबाद की 16-वर्षीय स्कूली छात्रा को घर लौट आने पर एक कानूनी नोटिस दिया गया है, जिसमें उसे उसके 'वैवाहिक कर्तव्यों' की याद दिलाई गई है. दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि वे इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं होने की स्थिति में कोई कार्रवाई नहीं कर सकते, क्योंकि बालविवाह खुद-ब-खुद गैरकानूनी नहीं होता. छात्रा फिलहाल मदद के लिए बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के पास पहुंची है.

जब यह किशोरी पिछले साल 10वीं कक्षा की परीक्षा देने की तैयारी कर रही थी, उसकी शादी जबरन लगभग 20 साल बड़े उसी के चचेरे भाई से करवा दी गई थी. उसका कहना है कि परिवार ने इसके लिए यह कहकर दबाव डाला था कि चाची आखिरी घड़ियां गिन रही हैं, और अपने बेटे की शादी देखकर मरना चाहती हैं. इससे पहले कि वह इसका विरोध कर पाती, उसकी शादी करवा दी गई.

किशोरी ने NDTV को बताया, "यह बहुत अचानक हुआ... वह 35 साल से भी ज़्यादा बड़ी उम्र का था... मुझे उस वक्त यह नहीं पता था..."

उसकी एक शर्त यह थी कि उसे परीक्षा में बैठने और आगे पढ़ने की इजाज़त दी जानी चाहिए, सो, परीक्षा के बाद उसे पति के घर भेज दिया गया, जहां कथित रूप से लगभग रोज़ उसका शारीरिक और यौन उत्पीड़न किया गया.

जब यह सब बर्दाश्त के बाहर हो गया, तो शादी के दो महीने बाद वह घर लौट आई. उसके माता-पिता ने भी खुशी-खुशी उसे घर में रख लिया. जब किशोरी के माता-पिता ने पति के परिवार से दहेज के रूप में दिए गए एक लाख रुपये तथा सोने के जेवर लौटाने के लिए कहा तो किशोरी के नाम कानूनी नोटिस भेज दिया गया, जिसमें उसे पति के साथ 'फिर से' यौन संबंध स्थापित कर लेने के लिए कहा गया.

किशोरी ने सरकार द्वारा मुसीबतज़दा लोगों की मदद के लिए चलाई जाने वाली सामाजिक संस्था से जुड़ी अनुराधा से संपर्क साधा, जिसने पंचायत बुलाकर गांव के बड़े-बूढ़ों और दोनों पक्षों को बिठाकर मामला सुलझाने के प्रयास किया, लेकिन किशोरी के पति ने कथित रूप से अपनी मांग से झुकने से इंकार कर दिया.

अनुराधा ने बताया, "उसका पति दो वकीलों के साथ आया, और कहा कि उसके माता-पिता को पैसा लौटाने की जगह वह वकीलों को पैसा देना पसंद करेगा..."

अनुराधा के अनुसार, "शादी कराने वाले पंडित या मौलवी को पता होना चाहिए कि लड़की की उम्र क्या है, और दूल्हा और दुल्हन की उम्र में कितना अंतर है... पंचायत के रिकॉर्ड में लड़की की उम्र के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए, सो, जांचा जा सकता था... उन्होंने लड़की को बलि का बकरा बना डाला..."

बाल अधिकार आयोग के सदस्य अच्युत राव ने कहा कि यह बेहद भयावह है कि एक नाबालिग लड़की को यौन कर्तव्यों के बारे में कानूनी नोटिस दिया गया. उन्होंने कहा, "आरोपी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया, बल्कि 15 साल की बच्ची को 'वैवाहिक कर्तव्यों' को बहाल करने के लिए कानूनी नोटिस दिया गया... हम वकील के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाने जा रहे हैं..."

NDTV द्वारा संपर्क किए जाने पर वकील ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि लड़की नाबालिग है.

अब जूनियर कॉलेज में पढ़ रही किशोरी अपने पति के घर नहीं लौटना चाहती है. वह कहती है, "मैं पढ़ना चाहती हूं, और अपनी काबिलियत के दम पर कुछ बड़ा करना चाहती हूं..."

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि शादी का एक साल पूरा होने से पहले किशोरी को कोर्ट पहुंच जाना चाहिए, ताकि शादी को खत्म करार दिया जा सके. हालांकि 'पति' को दहेज की रकम और जेवरात लौटाने के लिए अलग से आपराधिक मुकदमा दर्जा कराना होगा, या कोर्ट के बाहर समझौता करना होगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
वैवाहिक कर्तव्य, बाल विवाह, हैदराबाद दुल्हन, नाबालिग दुल्हन, शारीरिक उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, Conjugal Rights, Hyderabad Child Bride, Physical Abuse, Mental Abuse
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com