पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर के साथ मतभेद की खबरों के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में बदलाव को लेकर जो भी फैसला करेंगे उन्हें स्वीकार होगा. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए प्रत्यक्ष रूप से अपनी दावेदारी पेश करने से इनकार किया और कहा कि इस बारे में विधायक और पार्टी आलाकमान फैसला करेंगे.
इन दिनों हरियाणा में ‘जनक्रांति यात्रा’ निकाल रहे हुड्डा ने कहा कि तंवर के साथ उनके ‘व्यक्तिगत मतभेद’ नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरे कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन का फैसला करने के लिए हमने प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को अधिकृत किया है. वह जो भी फैसला करेंगे वो सबको मान्य होगा.’ यह पूछे जाने पर क्या वह अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने या जीत की स्थिति में इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री का फैसला हरियाणा की जनता, विधायक और कांग्रेस आलामान द्वारा किया जाएगा.’
हरियाणा के लगातार दो बार मुख्यमंत्री रहे हुड्डा इन दिनों ‘जनक्रांति यात्रा’ निकाल रहे हैं जिसे उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि अशोक तंवर ने मतभेदों की वजह से इस यात्रा से दूरी बना रखी है. हुड्डा ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘एनपीए सरकार’ बन चुकी है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 154 वादे किए थे जिनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ. यह सरकार सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट करती है और सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करती है. यह एक एनपीए सरकार है.’
जाट आरक्षण मुद्दे का समाधान नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा, ‘इस सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा बदल दिया और तथ्यों को सही ढंग से नही रखा, इसलिए आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो सका.’हरियाणा में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और बसपा के बीच गठबंधन पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इनेलो ने पहले भी कई दलों के साथ गठबंधन किया लेकिन वो नहीं चले और इस गठबंधन का भी यही हश्र होगा.
इन दिनों हरियाणा में ‘जनक्रांति यात्रा’ निकाल रहे हुड्डा ने कहा कि तंवर के साथ उनके ‘व्यक्तिगत मतभेद’ नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरे कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन का फैसला करने के लिए हमने प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को अधिकृत किया है. वह जो भी फैसला करेंगे वो सबको मान्य होगा.’ यह पूछे जाने पर क्या वह अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने या जीत की स्थिति में इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री का फैसला हरियाणा की जनता, विधायक और कांग्रेस आलामान द्वारा किया जाएगा.’
हरियाणा के लगातार दो बार मुख्यमंत्री रहे हुड्डा इन दिनों ‘जनक्रांति यात्रा’ निकाल रहे हैं जिसे उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि अशोक तंवर ने मतभेदों की वजह से इस यात्रा से दूरी बना रखी है. हुड्डा ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘एनपीए सरकार’ बन चुकी है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 154 वादे किए थे जिनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ. यह सरकार सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट करती है और सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करती है. यह एक एनपीए सरकार है.’
जाट आरक्षण मुद्दे का समाधान नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा, ‘इस सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा बदल दिया और तथ्यों को सही ढंग से नही रखा, इसलिए आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो सका.’हरियाणा में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और बसपा के बीच गठबंधन पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इनेलो ने पहले भी कई दलों के साथ गठबंधन किया लेकिन वो नहीं चले और इस गठबंधन का भी यही हश्र होगा.
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