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यह पहला मौका है जब अमित शाह (Amit Shah) लोकसभा चुनाव (Elections 2019) लड़ रहे हैं. गांधीनगर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections 2019) गुजरात की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है. वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) साल 1998 से इस सीट पर जीतते आए हैं. कांग्रेस (Congress) ने अमित शाह (Amit Shah) के खिलाफ गांधीनगर सीट से डॉ. सीजे चावड़ा को चुनाव मैदान में उतारा है. अमित शाह (Amit Shah) का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में एक व्यापारी के घर हुआ था. वे गुजरात के एक रईस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनका गांव पाटण जिले के चन्दूर में है. मेहसाणा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद आए, जहां से उन्होने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की, उसके बाद अपने पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए. राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे. अमित शाह (Amit Shah) बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे. साल 1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाकात नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से हुई थी. अमित शाह (Amit Shah) का जन्म 1964 में मुंबई के एक संपन्न गुजराती परिवार में हुआ. सोलह वर्ष की आयु तक वे अपने पैत्रक गांव मान्सा, गुजरात में ही रहे और वहीं स्कूली शिक्षा प्राप्त की. स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उनका परिवार अहमदाबाद चला गया. अमित शाह की पत्नी का नाम सोनल शाह और एकमात्र पुत्र का नाम जय शाह है. अमित शाह अपनी मां के बेहद करीब थे, जिनकी मृत्यु उनकी गिरफ्तारी से एक माह पूर्व 8 जून 2010 को एक बीमारी से हो गई थी. अमित शाह ने स्कूली शिक्षा पूर्ण कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) में शामिल होने के बाद संघ की विद्यार्थी शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लिए 4 साल तक कार्य किया. राजनीति में अमित शाह का सफर साल 2012 में नारनुपरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अमित शाह (Amit Shah) विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने तीन बार सरखेज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वे गुजरात के सरखेज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार क्रमश: 1997 (उपचुनाव), 1998, 2002 और 2007 से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं. वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के करीबी माने जाते हैं. सोलहवीं लोकसभा चुनाव के लगभग 10 महीने अमित शाह को बीजेपी के उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया, तब प्रदेश में भाजपा की मात्र 10 लोक सभा सीटें ही थी. उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता का अंदाजा तब लगा जब 16 मई 2014 को सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आए. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें हासिल की. प्रदेश में भाजपा की ये अब तक की सबसे बड़ी जीत थी. भाजपा ने अमित शाह के समर्पण, परिश्रम और संगठनात्मक क्षमताओं को सम्मानित कर उन्हें 2014 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर दिया. तब से उन्हें लगातार दूसरी बार बीजेपी अध्यक्ष चुना गया है. |
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