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This Article is From Apr 11, 2018

BMW और फॉर्च्यूनर जैसी महंगी कारें चोरी करने वाला गिरोह पकड़ा गया

दिल्ली-एनसीआर से कारें चुराकर मणिपुर में नया रजिस्ट्रेशन कराके बेची जाती थीं कारें, मणिपुर के चार आरोपी गिरफ्तार

BMW और फॉर्च्यूनर जैसी महंगी कारें चोरी करने वाला गिरोह पकड़ा गया
पुलिस ने महंगी कारें चोरी करने वाले मणिपुर के गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
  • कार कंपनियों के सुरक्षा के दावे खोखले साबित हो रहे
  • गाड़ियां बड़ी आसानी ने चोरी कर लेता था गिरोह
  • आरोपियों में एक पुलिस कॉन्स्टेबल भी शामिल
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने महंगी हाई एंड कार चोरी करने और लूटने वाले एक बड़े गिरोह को पकड़ा है. गिरोह के पास से बीएमडब्लू 7 सिरीज़ ,फॉर्च्यूनर, क्रेटा और होंडा एकॉर्ड जैसी गाड़ियां मिली हैं. यह गैंग मणिपुर का है. आरोपी मणिपुर गाड़िया ही ले जाते थे. वहां फर्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर कारों का दुबारा रजिस्ट्रेशन होता था.

दिल्ली पुलिस ने उस गैंग से बीएमडब्लू 7 सीरीज़,फॉर्च्यूनर, हुंडई क्रेटा और होंडा सिटी जैसी 16 महंगी गाड़ियां बरामद की हैं. यह कारें बड़े ही शातिराना अंदाज़ में या तो चोरी की गईं या फिर लूटी गई थीं. इन्हें बनाने वाली कंपनियां भले ही दावा करती हों कि इन कारों में बेहतरीन सिक्योरिटी फीचर्स हैं लेकिन हकीकत ये है कि दिल्ली के कई इलाकों से ये गाड़ियां बड़ी आसानी ने चोरी कर ली गईं.

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दक्षिण दिल्ली के डीसीपी रोमिल बानिया ने बताया कि गाड़ियों में बीएमडब्लू के अलावा इनको चोरी करने का तरीका बहुत सिंपल है. जो क्वार्टर गिलास होता है पीछे वाला, उसको तोड़कर,सेंट्रल लॉक का वायर काटकर, दरवाजा खोलकर डुप्लीकेट चाबी से चुराते थे. जो बीएमडब्लू इन्होंने चुराई है, पूछताछ में बात सामने आई है कि ड्राइवर का ध्यान थोड़ा भटका, चाबी कार में लगी थी, उस हालात में बीएमडब्लू को चुरा कर ले गए.
 
stolen gang of expensive cars delhi

पुलिस ने इस मामले में मणिपुर के चार लोगों अस्कर अहमद, मोहम्मद फकरुद्दीन, एस चोरोजीत सिंह और अब्दुल गफ्फार खान को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक सबसे पहले पुष्प विहार इलाके से अस्कर को पकड़ा गया और फिर पूरा गैंग हाथ आया. यह दिल्ली और एनसीआर से महंगी गाड़िया चोरी करके उन्हें मणिपुर में खपाते थे.

रोमिल बानिया ने बताया कि वे गाड़ियां जो एक्सिडेंटल में टोटल लॉस डिक्लेयर होती हैं, उनके फ़र्ज़ी दस्तावेज बनाकर ले जाया जाता था. एक फ़र्ज़ी एनओसी कंसर्न दिल्ली या हरियाणा की अथॉरिटी तैयार करती थी. एनसीआरबी का एक सर्टिफिकेट, कि ये गाड़ी चोरीशुदा नहीं है, का एक फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर वाहनों को ले जाया जाता था.  वहां मणिपुर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज से महीने भर के बाद टोटल लॉस वाहन के चेसिस नंबर और इंजन नंबर पर इनका एक नया रजिस्ट्रेशन नंबर इश्यू करा दिया जाता था.

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पुलिस के मुताबिक ये गैंग अब तक 50 से ज्यादा गाड़ियां मणिपुर भेज चुका है. आरोपियों में अस्कर एमबीए है जबकि फकरुद्दीन मणिपुर पुलिस में कांस्टेबल है. गैंग के पास से 8 पिस्टल और 16 कारतूस भी बरामद हुए हैं.

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