- विराट कोहली और हेड कोच गौतम गंभीर के बीच लंबे समय से मैदान के अंदर और बाहर तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं
- पूर्व कोच बिशन सिंह बेदी ने 1990 में टीम की हार के बाद विवादित बयान देकर खिलाड़ियों का विरोध झेला था
- संदीप पाटिल के कोचिंग काल में खिलाड़ियों के साथ मतभेद से उनका कार्यकाल समाप्त हुआ
VIrat Kohli vs Gautam Gambhir: विराट कोहली और हेड कोच गौतम गंभीर के बीच की कहानी भारतीय क्रिकेट में में छाई हुई है, जिससे मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह तनाव बढ़ रहा है. यह बड़े पैमाने पर प्रचारित टकराव निश्चित रूप से कोई नई बात नहीं है. दिल्ली के ये दोनों खिलाड़ी सालों से एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं, जिसमें आईपीएल (IPL) के दौरान उनके विवादित झगड़े और एक टेलीविज़न पंडित के तौर पर गंभीर की तीखी बातें शामिल हैं. कोच और खिलाड़ियों के बीच तनाव की बातें भारतीय क्रिकेट में कोई नहीं बात भी नहीं हैं. इससे पहले भी कोच और सीनियर खिलाड़ियों के बीच टकराव होते रहे हैं. ऐसे में जानते हैं उन पुराने घटनाओं के बारे में जब कोच और खिलाड़ियों के बीच टकराव सामने आए हुए हैं.

कोच बिशन सिंह बेदी vs टीम इंडिया
पूर्व कप्तान और कोच बिशन सिंह बेदी अपनी तीखी बातों के लिए जाने जाते थे. 1990 में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा – “इस टीम को प्रशांत महासागर में फेंक देना चाहिए.” उनकी इस बात से कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन और खिलाड़ी नाराज़ हो गए. टीम ने एक साथ उनका विरोध किया, जिसके कारण कुछ ही समय बाद बेदी का कार्यकाल खत्म हो गया.
संदीप पाटिल vs टीम इंडिया
1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य संदीप पाटिल को भी कोच के तौर पर अपने समय के दौरान खिलाड़ियों की नाराज़गी का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड दौरे के दौरान सिद्धू और अज़हर के बीच हुए झगड़े को सुलझाने में नाकाम रहने के कारण उनकी आलोचना हुई. बाद में, श्रीलंका में एक मैच के दौरान अनिल कुंबले के आउट होने पर पाटिल ने सार्वजनिक गुस्सा किया जिसके बाद कप्तान सचिन तेंदुलकर सहित कई सीनियर खिलाड़ी नाराज़ हो गए. इससे आखिरकार उनका कोचिंग का समय खत्म हो गया.
1997 श्रीलंका टूर: खिलाड़ियों ने कोच मदन लाल का खुलेआम बॉयकॉट किया
1997 में श्रीलंका दौरे पर, कोच मदन लाल ने एक इंटरव्यू में टीम के कुछ खिलाड़ियों की आलोचना की थी, जिससे खिलाड़ी नाराज हो गए थे. स इंटरव्यू के बाद ड्रेसिंग रूम में तनाव बढ़ गया था और खिलाड़ियों ने कोच का खुलेआम बहिष्कार कर दिया था. इस घटना के बाद BCCI ने बड़ा कदम उठाया था और मदनलाल को कोच पद से हटा दिया था. मदनलाल का 10 महीनों का विवादास्पद कार्यकाल रहा.

- 2007 वर्ल्ड कप: ग्रेग चैपल का सीनियर्स के साथ झगड़ा होने पर ग्रेग को निकाल दिया गया.
ग्रेग चैपल प्रकरण में सौरव गांगुली के बीच उनके रिश्ते ठीक नहीं रहे थे. दरअसल, ग्रेग चैपल की कोचिंग में टीम इंडिया 2007 के वनडे वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी, भारत की हार के बाद खिलाड़ियों और कोच के बीच टकराव की बातें सामने आने लगी थी. खिलाड़ियों का मानना था कि ग्रेग चैपल मनमानी करते हैं और टीम हित को लेकर फैसला नहीं बल्कि अपनी बात मनवाने के लिए फैसला करते हैं. ग्रेग चैपल का मीडिया के प्रति भी आचरण ठीक नहीं रहा था. ग्रेग चैपल के बारे में माना जाता था कि वो सौरव गांगुली को टीम में पसंद नहीं करते थे. 2005 में टीम इंडिया को श्रीलंका जाकर ट्राई सीरीज खेलनी थी, उस सीरीज में गांगुली को टीम में जगह नहीं मिली थी. जिसके बाद सौरव और चैपल के बीच विवाद सामने आया था. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल 2005 से 2007 तक भारत के कोच रहे थे और इस दौरान भारतीय क्रिकेट गर्त में पहुंच गया था. सबसे ज्यादा निराशा 2007 के वर्ल्ड कप में आई, जब भारतीय टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई थी. चैपल ने ही गांगुली को कप्तानी से हटाने का फैसला किया था.
- 2012 इंग्लैंड टूर: ड्रेसिंग रूम लीक से अनबन सामने आई थी, डी फ्लेचर किसी तरह बच गए थे.
दरअसल, 2012 के इंग्लैंड दौरे के दौरान, भारतीय क्रिकेट टीम में ड्रेसिंग रूम की बातों के लीक होने से संबंधित विवाद सामने आई थी जिसने भारतीय क्रिकेट में भूचाल ला दिया था. जो बाते सामने आई थी उसमें कहा गया था कि, टीम के भीतर अनबन हैं और साथ ही मुख्य कोच डंकन फ्लेचर के कोचिंग तरीकों पर सवाल उठे थे. हालांकि फ्लेचर इन विवादों के बाद भी कोच रहे थे लेकिन आखिकरार 2014 के इंग्लैंड दौरे के बाद उन्हें हटाने का फैसला किया गया था.

- 2017: कोहली-कुंबले के बीच “डराने वाले स्टाइल” को लेकर झगड़ा कुंबले के इस्तीफे के साथ खत्म हुआ था.
कोच अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच अनबन की बातें सामने आई थी. 2017 में, अनिल कुंबले ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था. कुंबले ने सीधे तौर पर स्वीकार किया था कि कप्तान विराट कोहली के साथ उनके संबंधों में मतभेद थे. कुंबले ने अपने इस्तीफे के बयान में कहा था कि "BCCI ने उन्हें बताया था कि कोहली को उनकी "शैली" या उनके कोचिंग के तरीके से कुछ आपत्तियां थीं और उन्हें लगा कि टीम में बने रहने से कप्तान के साथ उनकी साझेदारी "अस्थिर" हो जाएगी, इसलिए मैंने कोच पद से खुद को अलग कर लिया था. इस घटना के बाद, रवि शास्त्री को कोच नियुक्त किया गया था .
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