- शेफाली वर्मा ने विश्व कप फाइनल में 87 रन बनाकर भारतीय ओपनरों के शानदार प्रदर्शन को साबित किया
- भारतीय ओपनरों ने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 671 रन बनाकर दूसरे नंबर की टीम से बड़ा अंतर बनाया
- भारतीय ओपनरों का औसत 83.87 रहा जो दूसरे नंबर के औसत से काफी बेहतर था
वीमेंस विश्व में फाइनल से एक मैच पहले शेफाली वर्मा (Shafali Verma) भले ही सेमीफाइनल से ठीक पहले जुड़ीं. लेकिन फाइनल आते-आते उन्होंने चोट के कारण बीच टूर्नामेंट से बाहर हुईं प्रतिका रावल (Pratika Rawal) की कमी खलने नहीं दी. शेफाली ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ (IndW vs RsaW) 78 गेंदों पर 7 चौकों और 2 छक्कों से 87 रन बनाकर मेगा टूर्नामेंट खत्म होते-होते भारतीय ओपनरों के आंकड़ों को ऐसा बना दिया, जो दुनिया के तमाम बॉलरो में दहशत भरने के लिए काफी हैं. और आंकड़े इसकी पूरी-पूरी पुष्टि कर रहे हैं.
ये भारतीय ओपनरों का दम है!
टूर्नामेंट में फाइनल तक भारतीय ओपनरों यानी प्रतिका रावल, स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने मिलकर सभी टीमों में सबसे ज्यादा 671 रन बनाए. यह आंकड़ा कितना पावरफुल है, यह आप इससे समझें कि दूसरे नंबर का आंकड़ा 390 रनों का है. वहीं, भारतीय ओपनरों ने विश्व कप में औसत में भी बाजी मारी. इनका औसत 83.87 रहा. दूसरे नंबर का आंकड़ा 65 का है. वहीं, भारतीय ओपनरों ने प्रति ओवर 6.02 की दर निकाली, जो तीसरे नंबर पर रही. इसके अलावा एक और अहम बात 3 शतकीय साझेदारी रहीं और इसमें भी भारतीय ओपनर अव्वल रहे.
स्मृति और प्रतिका की शानदार जुगलबंदी!
ओपनरों के इन आंकड़ों में मंधाना और प्रतिका रावल का सबसे ज्यादा योगदान रहा. मंधाना ने 9 मैचों में 54.25 के औसत से 434 रन बनाए, तो मेगा इवेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे नंबर पर रहीं प्रतिका रावल ने 7 मैचों की 6 पारियों में 51.33 के औसत से 308 रन बनाए. वहीं, शेफाली वर्मा का योगदान 2 मैचों में 48.50 के औसत से 97 रनों का रहा. फाइनल में अर्द्धशतीय पारी के सात ही वह विश्व कप फाइनल में सबसे तेज अर्द्धशतक बनाने वाली दूसरी और सबसे युवा बल्लेबाज बन गईं.
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