बेहतरीन लय में वापसी करने वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah on display) ने शुक्रवार को अपने कार्यभार प्रबंधन को लेकर चल रही चर्चाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि वह अपने शरीर का ध्यान रखने की कोशिश करते हैं. भारत को सूखी पिच पर 2012 के बाद पहली बार चार स्पिनरों के साथ खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसमें बुमराह ने 27 रन देकर पांच विकेट लिए. इस तरह घरेलू मैदान पर उन्होंने तीसरी दफा और कुल मिलाकर 16वीं बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया. उनके इस प्रदर्शन से दक्षिण अफ्रीका (Ind vs Rsa 1st Test) की टीम पहले टेस्ट के पहले दिन 55 ओवर में महज 159 रन पर ढेर हो गई. इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला के बाद बुमराह के कार्यभार प्रबंधन को देखते हुए मैच चुनने को लेकर कड़ी आलोचना हो रही है. पीठ में मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में वह गेंदबाजी नहीं कर पाए थे. फिर इंग्लैंड में उन्हें दो टेस्ट मैच में आराम दिया गया जिससे आलोचकों ने उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए.
दिन के खेल की समाप्ति के बाद बुमराह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं जिस भी प्रारूप में खेलता हूं, उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं. ये सवाल मेरे सवाल नहीं हैं. मैं इनका जवाब नहीं दूंगा. मैं जितना हो सके, उतना खेलने की कोशिश करता हूं. मैं अपने शरीर का ध्यान रखने की कोशिश करता हूं.' उन्होंने कहा, ‘मैं हर प्रारूप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं. जब तक मैं योगदान दे पा रहा हूं और नयी चीजें सीखने की कोशिश कर पा रहा हूं, उससे मैं खुश हूं.' घरेलू परिस्थितियों में स्पिनरों का दबदबा रहता है तो ऐसे में बुमराह ने माना कि भारत में इस तरह के विकेट लेना कितना खास है।
उन्होंने कहा,‘जब भी आप भारत में खेलते हैं, तो यह तय है कि स्पिनर ढेर सारे विकेट लेंगे. इसलिए जब भी आप सीमित स्पेल में प्रभाव डाल पाते हैं, तो हमेशा अच्छा लगता है. मैं अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हूं. टेस्ट मैच में अब भी काफी काम बाकी है.' वहीं, दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजी कोच एश्वेल प्रिंस ने टीम के पहली पारी में लचर प्रदर्शन के लिए परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया. जस्सी बोले ,‘यही टेस्ट क्रिकेट की चुनौती है. हम इंग्लैंड जाते हैं, माहौल अलग होता है. हम ऑस्ट्रेलिया जाते हैं, चुनौती अलग होती है. इसलिए हमें खुद को ढालना होगा. अनुकूलित होना हमारा काम है. यही टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है, अलग-अलग परिस्थितियां, अलग-अलग कौशल. आपके पास सफल होने के लिए काफी कौशल होना चाहिए.'














