भविष्य निधि (पीएफ) से धन निकालने के लिए कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया अब बीती बात हो जाएगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मार्च के अंत तक पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा शुरू करने की उम्मीद कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भविष्य निधि सहित सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड के स्वैच्छिक इस्तेमाल की अनुमति दी है।
पांच करोड़ से ज्यादा हैं इसके दावेदार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंशधारकों की संख्या पांच करोड़ से अधिक है। वह पीएफ निपटान की ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसके तहत आवेदन मिलने के तीन घंटे के अंदर दावे का निपटान कर दिया जाएगा। एक बार यह व्यवस्था परिचालन में आने के बाद अंशधारक पीएफ निकासी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।
ऑनलाइन निकासी के लिए श्रम मंत्रालय को लिखा खत
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने कहा, हमने ऑनलाइन पीएफ निकासी सुविधा शुरू करने के लिए श्रम मंत्रालय को पत्र लिखा है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसे मार्च के अंत तक शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि आधार कार्ड का इस्तेमाल मनरेगा, सभी प्रकार की पेंशन योजनाओं, भविष्य निधि तथा प्रधानमंत्री जनधन योजना के लिए स्वैच्छिक आधार पर किया जा सकता है।
आधार का सत्यापन तेजी से
अभी ऐसे अंशधारक जिन्हें अपने खातों से निकासी करनी होती है, को ‘मैनुअल’ तरीके से आवेदन करना होता है। जालान ने कहा कि हम पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए हमने कुछ मंजूरियां मांगी हैं, लेकिन यह सुविधा शुरू करन से पहले हम ऐसे आवेदक जिन्होंने दावे में आधार का उल्लेख किया है, का तेजी से सत्यापन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस महीने से हम आधार संख्या वाले पीएफ निकासी दावों का निपटान तीन दिन में करना शुरू करेंगे। अभी तक इस तरह के दावों का निपटान 20 दिन में किया जाना अनिवार्य है।
अंशधारकों के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू करने के मकसद से ईपीएफओ नामांकन के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का पंजीयक बना है। यह प्राधिकरण के लिए एक ऑनलाइन सत्यापन प्रयोगकर्ता एजेंसी है। हालांकि, ऑनलाइन व्यवस्था को शुरू करने के लिए जरूरी है कि 40 प्रतिशत विशिष्ट (पोर्टेबल पीएफ) खाता संख्या (यूएएन) को आधार नंबर और अंशधारक के बैंक खाते से जोड़ा जाए।
ईपीएफओ की वेबसाइट के अनुसार प्राधिकरण ने 5.6 करोड़ यूएएन जारी किए हैं। इनमें से 92.88 लाख अंशधारकों ने अपने आधार नंबर दिए हैं, जबकि 2.75 करोड़ ने बैंक खातों का ब्योरा उपलब्ध कराया है।