विश्व बैंक ने 2016 के लिए कच्चे तेल के वैश्विक मूल्य का अनुमान घटाकर प्रति बैरल 37 डॉलर कर दिया है, जिसके बारे में अक्टूबर में उसने 51 डॉलर प्रति बैरल का अनुमान दिया था। वहीं भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत मंगलवार को गत 14 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। बैंक ने मंगलवार को वाशिंगटन में जारी अपने एक बयान में कहा, "विश्व बैंक ने अपनी ताजा रपट कमोडिटी बाजार परिदृश्य में कच्चे तेल मूल्य के लिए 2016 का अनुमान घटाकर 37 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है। यह अनुमान अक्टूबर में 51 डॉलर पर रखा गया था।"
देश में बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, कच्चे तेल के भारतीय बास्केट की कीमत मंगलवार को घटकर प्रति बैरल 26.63 डॉलर दर्ज की गई। इससे पहले जून 2001 में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत इतनी ही दर्ज की गई थी।
बैंक ने साथ ही उभरती अर्थव्यवस्था और विकासशील देशों के लिए 2016 में विकास दर का अनुमान भी घटाकर 4.6 फीसदी से चार फीसदी कर दिया। बैंक ने अपने अनुमान में इस कटौती के लिए कई कारण बताए, जिसमें ईरान द्वारा उम्मीद से पहले निर्यात शुरू करना, अमेरिका में उत्पादन लागत घटाने और क्षमता बढ़ाने की कवायद और प्रमुख उभरते बाजारों में विकास का कमजोर परिदृश्य शामिल है।
बैंक ने ब्रिटेन के ब्रेंट, दुबई के और अमेरिका के वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) तेल मूल्यों के भारित औसत के आधार पर 2016 के लिए कच्चे तेल का मूल्य औसत 37 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान जताया है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के 12 तेलों के बास्केट की कीमत भी मंगलवार को 13 साल के निचले स्तर 25.11 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई, जो सोमवार को 25.58 डॉलर प्रति बैरल थी।
इस बीच बुधवार को भारत सरकार ने दिल्ली में कहा कि तेल मूल्य में गिरावट से देश का तेल आयात खर्च 48.5 अरब डॉलर घटकर मौजूदा कारोबारी साल में 64.22 अरब डॉलर रहेगा, जो एक साल पहले के 112.75 अरब डॉलर से 43 फीसदी कम है। दिल्ली के पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने कहा कि भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की औसत कीमत दिसंबर में 35.68 डॉलर प्रति बैरल थी, जो नवंबर में 42.50 डॉलर थी।