टाटा संस ने हाल में कंपनी के चेयरमैन पद से हटाए गए सायरस मित्री के खिलाफ अपना रुख कड़ा करते हुए रविवार को कहा कि मिस्त्री के निष्कासन से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए जो भी जरूरी होगा किया गया.
टाटा संस समूह की धारक कंपनी है. कंपनी ने समूह के स्वतंत्र निदेशकों से अपेक्षा की है कि वे टाटा की कंपनियों के भविष्य और उनके सभी अंशधारकों के हितों की रक्षा को सुनिश्चित करेंगे. एक बयान में टाटा संस ने कहा है कि उसके 10 नवंबर के बयान में तथ्य सामाने रखे जा चुके हैं ताकि मिस्त्री को हटाने के निदेशक मंडल के निर्णय को ‘अपेक्षित संदर्भों के साथ देखा जा सके.’
बयान में कहा गया है कि ‘टाटा संस का प्रबंधन स्थिति से निपटने के लिए जो भी जरूरी होगा करेगा.’ टाटा संस ने पिछले सप्ताह अरोप लगाया था कि मिस्त्री ने उसका विश्वास खो दिया था क्योंकि वह 100 अरब डॉलर सालाना से अधिक का कारोबार करने वाले इस समूह की मुख्य कारोबारी कंपनियों पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करने लगे थे.
टाटा संस ने चेयरमैन के रूप में मिस्त्री के चार साल के काम पर भी सवाल उठाए हैं. उसने टाटा स्टील यूरोप, डोकोमो-टाटा टेली संयुक्त उद्यम और टाटा मोटर्स के भारतीय कारोबार को ‘समस्याग्रत’ बताया है और कहा गया है कि मिस्त्री के नेतृत्व में इनके कारोबार में कोई सुधार नहीं दिखा. इसके विपरीत इनका घाटा और ऋण भार बढ़ने तथा बाजार हिस्सेदारी गिरने से स्थिति और बिगड़ी.
कंपनियों के प्रबंधन की भूमिका में चार नवंबर को किए गए बदलावों का उल्लेख करते हुए टाटा संस ने अपने समूह की कंपनियों के निदेशक मंडलों और स्वतंत्र निदेशकों को समूह के हितों को प्राथमिकता देने को कहा है. रविवार के बयान में कहा गया है, ‘4 नवंबर 2016 के घटनाक्रम के संदर्भ में टाटा संस यह बात दोहराती है कि स्वतंत्र निदेशकों सहित निदेशक मंडलों के लिए यह बहुत जरूरी है कि सभी सम्बद्ध अंशधारकों के हितों का ध्यान रखते हुए उनके विचार और दृष्टिकोण टाटा की कंपनियों के भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले हों.’
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