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देश का पहला बैंक (First bank of India) कौन सा था और कब बना था, जानें भारतीय बैंकिंग का इतिहास

Banking History of India : देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बैंकिंग व्यवस्था का योगदान नकारा नहीं जा सकता है. आजादी से पहले भी बैंकिंग व्यवस्था की नींव रख दी गई थी और आजादी के बाद बैंकिंग ने देश की अर्थव्यवस्था की रीड़ के रूप में खुद के स्थापित कर लिया है. भारत का पहला बैंक गुलाम भारत में बना था. इसका नाम 'बैंक ऑफ हिंदुस्तान' था. इसे 1770 में स्थापित किया गया था और यह तत्कालीन भारतीय राजधानी कलकत्ता में स्थापित किया गया था. हालांकि, यह बैंक लगातार सफल काम करने में नाकाम रहा और 1832 में इसका परिचालन बंद कर दिया.
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NDTV Profit हिंदी12:31 PM IST, 24 Feb 2023NDTV Profit हिंदी
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Banking History of India : देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बैंकिंग व्यवस्था का योगदान नकारा नहीं जा सकता है. आजादी से पहले भी बैंकिंग व्यवस्था की नींव रख दी गई थी और आजादी के बाद बैंकिंग ने देश की अर्थव्यवस्था की रीड़ के रूप में खुद के स्थापित कर लिया है. भारत का पहला बैंक गुलाम भारत में बना था. इसका नाम 'बैंक ऑफ हिंदुस्तान' था. इसे 1770 में स्थापित किया गया था और यह तत्कालीन भारतीय राजधानी कलकत्ता में स्थापित किया गया था. हालांकि, यह बैंक लगातार सफल काम करने में नाकाम रहा और 1832 में इसका परिचालन बंद कर दिया.

उपलब्ध जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता से पहले देश में 600 से अधिक बैंक पंजीकृत किए गए थे, लेकिन उनमें से कुछ ही अपने कार्य में सफलता बरकरार रख पाए. 

इनमें महत्वपूर्ण बैंक कुछ प्रकार थे. 
जनरल बैंक ऑफ इंडिया (1786-1791)
अवध कमर्शियल    बैंक (1881-1958)
बैंक ऑफ बंगाल (1809)
बैंक ऑफ बॉम्बे (1840)
बैंक ऑफ मद्रास (1843)

भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, ईस्ट इंडिया कंपनी ने तीन बैंकों की स्थापना की थी: बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास और उन्हें प्रेसिडेंशियल बैंक कहा जाता था. इन तीनों बैंकों को बाद में 1921 में मिला दिया गया और इस विलय के बाद तैयार बैंक का नाम 'इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया' कहा गया.

बता दें कि इसी इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को बाद में 1955 में राष्ट्रीयकृत किया गया और इसका नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रखा गया. वर्तमान में एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है. 


कुछ बैंकों को बाद में फिर चालू किया गया था. इसके स्थापना का साल और बैंक का नाम यहां दिया गया है. यह भी बैंक आजादी  से पहले अंग्रेजों के कार्यकाल में ही स्थापित किए गए थे.
इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) 1865
पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) 1894
बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) 1906
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) 1911
कैनरा बैंक (Canara Bank) 1906
बैंक ऑफ बडौदा (Bank of Baroda)   1908

माना जाता है कि बैंकिंग व्यवस्था में आधुनिकता के अभाव, भ्रष्टाचार, मैनेजमैंट की कमियों के चलते कुछ बैंक बंद हो गए थे. आजादी के बाद बैंकिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रयास आरंभ किए गए. गांव के लोगों तक बैंकिंग व्यवस्था की पहुंच करने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया. 1949 में आरबीआई की स्थापना की गई.

1955 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया और बाद में 1969 से 1991 तक 14 अन्य बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया. इनमें इलाहाबाद बैंक Allahabad Bank, बैंक ऑफ इंडिया Bank of India, बैंक ऑफ बड़ौदा Bank of Baroda, बैंक ऑफ महाराष्ट्र Bank of Maharashtra, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया Central Bank of India, कैनरा बैंक Canara Bank, देना बैंक Dena Bank, इंडियन ओवरसीज बैंक Indian Overseas Bank, इंडियन बैंक Indian Bank, पंजाब नेशनल बैंक Punjab National Bank, सिंडिकेट बैंक Syndicate Bank, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया Union Bank of India, यूनाइटेड बैंक United Bank, यूको बैंक UCO Bank शामिल हैं.

इनके अलावा 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया. इनमें आंध्रा बैंक Andhra Bank, कॉर्पोरेशन बैंक Corporation Bank, न्यू बैंक ऑफ इंडिया New Bank of India, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स Oriental Bank of Comm., पंजाब एंड सिंध बैंक Punjab & Sind Bank, विजया बैंक Vijaya Bank शामिल रहे.

एसबीआई से संबद्ध रहे बैंक जैसे स्टेट बैंक ऑफ पटियाला State Bank of Patiala, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद State Bank of Hyderabad, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर State Bank of Bikaner & Jaipur, स्टेट बैंक ऑप मैसूर State Bank of Mysore , स्टेट बैंक ऑफ त्रावंकोर State Bank of Travancore, स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र State Bank of Saurashtra, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर State Bank of Indore शामिल थे. 2008 से 2017 के बीच सभी बैंकों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मिला दिया गया.

गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी सुदृढ़ करने के लिहाज से बैंकों के चेन स्थापित की गई है. इन्हें रीजनल रूरल बैंक RRB का दर्जा दिया गया.

भारतीय बैंकिंग व्यवस्था में 1991 का साल भी महत्वपूर्ण रहा. इस समय कम से कम 10 प्राइवेट बैंकों की स्थापना करने के लिए पहले सरकार ने और फिर आरबीआई ने अपनी मंजूरी दी. इन में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक Global Trust Bank, आईसीआईसीआई बैंक ICICI Bank, एचडीएफसी बैंक HDFC Bank, एक्सिस बैंक Axis Bank, बैंक ऑफ पंजाब Bank of Punjab, इंडसइंड बैंक IndusInd Bank, सेंचुरियल बैंक Centurion Bank, आईडीबीआई बैंक IDBI Bank, टाइम्स बैंक Times Bank, डेवलेपमेंट क्रेडिट बैंक Development Credit Bank शामिल हैं. 
इसके साथ ही कुछ विदेशी बैंकों को भी भारत में अपना काम करने के लिए इजाजत दी गई. 

देखा जाए तो इंदिरा गांधी के बाद 1991 में नरसिंह राव की सरकार के बाद वर्तमान मोदी सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव किए हैं. हर सरकार ने तत्कालीन समस्याओं के समाधान और जरूरतों को देखते हुए फैसले लिए है. 

बता दें कि साल 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 थी. पिछले कुछ सालों में पीएसयू बैंकों की संख्या अब 27 से घटकर 12 हो गई है. 

इससे पहले साल 2017 में मोदी सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पांच सब्सिडियरी बैंकों को भारतीय स्टेट बैंक में मिला दिया था. इनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल थे. इसके साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया. 

मोदी सरकार ने 2018 में तीन और बैंकों के विलय का ऐलान किया था. इन तीन बैकों में बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक का विलय कर दिया गया. 2019 में सरकार ने कुछ और सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान किया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक में विलय की घोषणा की. इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया.

वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय हो गया. इसके साथ ही यह पांचवां सबसे बड़ा बैंक बन गया है.  वहीं इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय हो गया. जिसके बाद यह सातवां सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा. इसके अलावा केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक के साथ मर्जर हो गया.

देश में अब 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रह गए हैं. 

  1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया State Bank of India
  2. पंजाब नेशनल बैंक Punjab National Bank (With Merger of Oriental Bank of Commerce and United Bank of India)
  3. बैंक ऑप बड़ौदा Bank of Baroda
  4. कैनरा बैंक Canara Bank (With Merger of Syndicate Bank)
  5. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया Union Bank of India (With Merger of Andhra Bank and Corporation Bank)
  6. बैंक ऑफ इंडिया Bank of India
  7. इंडियन बैंक Indian Bank (With Merger of Allahabad Bank)
  8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया Central Bank of India
  9. इंडियन ओवरसीज बैंक Indian Overseas Bank
  10. यूको बैंक UCO Bank
  11. बैंक ऑप महाराष्ट्र Bank of Maharashtra
  12. पंजाब एंड सिंध बैंक Punjab & Sind Bank
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