आईटी दिग्गज और यूआईडीएआई के पूर्व प्रमुख नंदन निलेकणी ने कहा है कि भुगतान बैंकों के उदय, ई-साईन, आईएमपीएस तथा अन्य प्रौद्योगिकी आधारित क्रांतियों के चलते भारत में वित्त क्षेत्र में 'व्हाट्सऐप' जैसा आंदोलन देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा, '...2009 में दूरसंचार क्षेत्र में व्हाट्सऐप आंदोलन देखने को मिला था। मेरा विश्लेषण यह है कि 2015 में भारत में वित्तीय क्षेत्र में व्हाट्सऐप आंदोलन चल रहा है।'
वे टीआईई लीप्रफोग 2015 में 'वित्तीय सेवाओं में विघ्न' विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा, बदलाव कई मोर्चों पर हो रहा है... नए लाइसेंस, स्मार्टफोन आधार पहचान, ई-साईन, भुगतान बैंक आदि। इसमें से कुछ नियमनाधीन हैं, इसमें से कुछ प्रौद्योगिकी हैं, कुछ डिजाइन हैं, कुछ बाजार हैं। उन्होंने भुगतान बैंक का लाइसेंस देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की सराहना की और इसे 'बड़ी क्रांति' बताया।
निलेकणी ने कहा, भुगतान बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से इनोवेशन का बड़ा उदाहरण है। हमारे पास 11 ऐसे बैंक हैं, किसी ने 11 की अपेक्षा नहीं की थी। इससे एक और बड़ी क्रांति होगी। उन्होंने कहा कि जनधन और आधार, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), समान भुगतान इंटरफेस (यूपीआई), भुगतान बैंक के लिए लाइसेंस तथा डिजिटलीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था में 'व्हाट्सऐप आंदोलन' को योगदान मिला है।